Singh Rajput death case

सुशांत मामले में सही साबित हुआ बिहार सरकार का स्टैंड,जानिए पूरी सच्‍चाई

अभिनेता Sushant Singh Rajput की मौत की असली वजह अब CBI खंगालेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस संबंध में आदेश दे दिया है। साथ ही बिहार की राजधानी पटना में दर्ज प्राथमिकी को भी सही ठहराया है। इस फैसले से बिहार सरकार का स्टैंड सही साबित हुआ है और तमाम सियासी सवालों पर विराम लग गया है।

दरअसल, इस प्रकरण में 2 महीने से अधिक समय से सियासत भी गर्म थी। सुशांत के स्वजन, प्रशंसक और शुभचिंतक भी लगातार CBI जांच की मांग कर रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से अब न्याय की उम्मीद बढ़ गई है। गौरतलब है कि पटना के राजीवनगर थाना में सुशांत के पिता केके सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। जांच के लिए मुंबई गई बिहार पुलिस की राह में मुंबई पुलिस ने भरसक रोड़ा अटकाया और महाराष्ट्र सरकार ने कोई सहयोग नहीं किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि Supreme court के फैसले के बाद साफ हो गया है कि बिहार पुलिस की जांच और पटना में दर्ज की गई प्राथमिकी सही थी। CBI जांच के आदेश के बाद अब लोग भरोसा कर सकते हैं कि न्याय होगा। हमारा शुरू से ही मानना था कि यह न्याय का मामला है, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। बिहार में कानून के हिसाब से ही काम हुआ है। संविधान का पूरी तरह अनुपालन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ हो गया है कि हम न्यायसंगत तरीके से आगे बढ़ रहे थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण का रिश्ता सिर्फ सुशांत के स्वजनों और समर्थकों से नहीं है। न ही इसे चुनाव से जोड़कर देखा जाना चाहिए। इसका रिश्ता सिर्फ न्याय से है। कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश में थे, लेकिन ऐसे लोगों को समझ लेना चाहिए था कि पूरा देश सच्चाई जानना चाहता है। इसलिए न्यायसंगत बात ही होनी चाहिए।

यह सत्य की जीत है

बातों की कड़ी जोड़ते हुए बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय कहते हैं कि अब सुशांत के स्वजनों को न्याय मिल पाएगा, इसकी उम्मीद जगी है। अन्याय के खिलाफ Supreme court का यह फैसला न्याय की उम्मीद जगाता है। यह सत्य की जीत है। बिहार ही नहीं, यह देश के करोड़ों लोगों की जीत है, जो न्याय चाहते हैं। फैसला बता रहा है कि बिहार पुलिस ने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं बतौर DGP इस फैसले का स्वागत करता हूं। हम सही थे। देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में लोगों की आस्था और बढ़ी है।


उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस ने सुशांत प्रकरण की जांच को लेकर जो पहल की थी, उसे सर्वोच्च अदालत ने सही ठहराया है। बिहार सरकार की कार्यशैली को अदालत ने सही माना है। रिया चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जो टिप्पणी की, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। रिया की औकात मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने की नहीं है।

आरोपित निर्दोष हैं तो डर किस बात का

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा के मुताबिक CBI को केवल इस बात की तहकीकात करनी है कि सुशांत की हत्या हुई थी या फिर उसने आत्महत्या कर ली थी। आश्चर्य है कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले CBI, फिर बिहार पुलिस की जांच का विरोध किया। यदि हत्या के आरोपित निर्दोष हैं तो डर किस बात का! जांच चाहे जिस एजेंसी से कराई जाए, डर केवल घटना में संलिप्त व्यक्तियों को हो रहा होगा। निर्दोष को CBI क्या जबरदस्ती जेल में भेज देगी! उन्होंने कहा कि Supreme court के फैसले से सुशांत के स्वजनों और समर्थकों को खुशी हुई होगी।

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