शाम पांच बजे से होने वाली इस वर्चुअल मीटिंग में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में PM नरेंद्र मोदी की ओर से विपक्ष को चीन सीमा पर जारी तनाव के कारणों और इससे निपटने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इस बीच बुधवार को भारत और चीन के बीच गलवान घाटी को लेकर मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई लेकिन यह बेनतीजा रही। भारत-चीन संघर्ष के बीच रूस की पहल पर 23 जून को भारत और चीन के विदेश मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे। रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि आरआईसी चेयरमैनशिप के अंतर्गत होने वाली इस चर्चा में ग्लोबल पॉलिटिक्स, इकोनॉमी और कोरोना महामारी से जुड़े मामलों पर बातचीत होगी। बता दें कि सोमवार को लद्दाख में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन मे तनाव चरम पर है। ऐसे में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत को लेकर कई संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों के हवाले से बताया है कि अभी फौरन हटने या स्थिति में परिवर्तन में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। आने वाले दिनों में और ज्यादा बातचीत हो सकती है। इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्षीय वांग यी के बीच लद्दाख में सैनिकों के बीच हिंसक झड़प को लेकर फोन पर बात हुई। विदेश मंत्री ने साफतौर पर उन्हें कह दिया कि चीन की तरफ से प्लानिंग कर इस घटना को अंजाम दिया गया है। इस अप्रत्याशित एक्शन का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर होगा।

