भारतीय शेयर बाजार की गिरावट से देश ही नहीं दुनिया के निवेशक भी परेशान हैं. दरअसल अक्टूबर से बाजार को जो पंचक लगा है वो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. यूं तो फरवरी का महीना केवल 28 दिन का है लेकिन इस 28 दिन में शेयर बाजार से निवेशकों ने करीब 41 लाख करोड़ रुपए गवां दिए हैं.

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है लेकिन आज आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं. जो आप शायद ही जानते हों. हर तरफ हल्ला मचा हुआ है कि शेयर बाजार में 28 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. इस बात को साबित करने के लिए टीवी 9 डिजिटल ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के आकड़ों को खंगाला. इस रिसर्च में जो आंकड़ें सामने आए हैं वो बेहद चौकानें वाले हैं.
वैसे तो पंचक 5 दिन का होता है लेकिन शेयर बाजार को यह पंचक बीते 5 महीने से लगा है. बीते 5 महीनों में बीएसई का मार्केट कैप करीब 91.13 लाख करोड़ कम हो गया है. इसका मतलब बीते 5 महीनों में बाजार से 91 लाख करोड़ की रकम साफ हो चुकी है.
फरवरी बना काल
शेयर बाजार का यह कोहराम यूं तो अक्टूबर से चल रहा है लेकिन फरवरी का महीना शेयर बाजार का काल बनकर साबित हुआ है. केवल फरवरी के महीनें में करीब 41 लाख करोड़ की चपत लग चुकी है. 31 जनवरी को बीएसई का मार्केट कैप 4,24,02,091.54 लाख करोड़ था. फरवरी के 28 दिनों में दोपहर के करीब 1.15 बजे तक 40,80,682.02 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

5 महीनों का हाल
ये तो आपने देख लिया फरवरी का हाल. अब बात करते हैं अक्टूबर से लेकर जनवरी तक बाजार की चाल कैसी रही. आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी के महीनें में 17,93,014.9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. वहीं दिसंबर में निवेशकों के 4,73,543.92 लाख करोड़ रुपए डूबे. बात नवंबर की केवल यही एक महीना था जहां निवेशकों को करीब 1,97,220.44 लाख करोड़ का फायदा हुआ था. फरवरी के बाद सबसे खराब महीना जो रहा वो था अक्टूबर का. अक्टूबर में बीएसई का मार्केट कैप 29,63,707.23 लाख करोड़ रुपए कम हो गया. साल 1996 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब बाजार में लगातार 5 महीने से गिरावट देखी जा रही हो. इससे पहले बाजार की ऐसी हालत साल 1996 में देखने को मिली थी.

अक्टूबर से लगातार गिरावट
शेयर बाजार में अक्टूबर महीने से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स में 4,910.72 अंक एवं 5.82 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जबकि निफ्टी 1,605.5 यानी 6.22 की गिरावट देखी गई. नवंबर महीने की बात करें तो जहां सेंसेक्स में 0.52 फीसदी यानी 413.73 अंकों का इजाफा देखने को मिला. वहीं निफ्टी में 0.31 फीसदी यानी 74.25 अंकों की गिरावट देखने को मिजी है. दिसंबर के महीने में सेंसेक्स 1,663.78 अंक यानी 2.08 फीसदी गिरा. जबकि निफ्टी में 486.3 अंक यानी 2.01 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. जनवरी के महीने में गिरावट का दौर देखने को मिला. सेंसेक्स 638.44 अंक यानी 0.82 फीसदी और निफ्टी 136.4 अंक यानी 0.58 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है.
सेंसेक्स में 5 महीनों में कितनी गिरावट

बाजार के ये हैं विलेन
1) ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले के कारण बाजार में अनिश्चितता का महौल
2) टैरिफ वाले फैसले के बाद शेयर बाजार का सेंटीमेंट तेजी से बिगड़ा
3) भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की भारी संख्या में बिकवाली
4) 5 महीनों में विदेशी निवेशकों ने करीब 3.11 लाख करोड़ रुपए भारतीय बाजार से निकाल लिए कंपनियों के तिमाही नजीते उम्मीद के मुताबिक नहीं
5) रही सही कसर चीन ने पूरी कर दी. भारतीय बाजार का पैसा चीन के बाजार में शिफ्ट होना.

क्या कहते हैं जानकार
भारतीय शेयर बाजार की गिरावट में चीन की भूमिका भी अहम है. बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि पिछले महीने तेजी से गिरावट के बाद चीन के मार्केट में निवेश में तेजी आई है. जबकि भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों का निवेश दो साल के निचले लेवल पर आ गया है. अक्टूबर 2024 के बाद से, भारत का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर कम हो गया है, जबकि चीन का 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है. निफ्टी में 1.55 फीसदी की गिरावट के ठीक विपरीत, चीन का हैंग सेंग इंडेक्स केवल एक महीने में 18.7 फीसदी चढ़ गया है. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार अभी करेक्शन मोड में हैं ऐसे में कोई भी नया निवेश करने से पहले अच्छी तरह कंपनी के फंडामेंटल चेक लें और अपने एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही निवेश करें.

