इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल की जामा मस्जिद में रंगाई- पुताई की इजाजत नहीं दी है. एएसआई ने कोर्ट में जो अपनी रिपोर्ट पेश की थी, उसमें जामा मस्जिद की 6 तस्वीरें भी शामिल की हैं. इन तस्वीरों में मस्जिद में रंगाई और सफाई की कितनी आवश्यकता है उसके बारे में बताया गया है.
उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में रंगाई को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर की गई याचिका में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. एएसआई की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने मस्जिद में रंगाई-पुताई की इजाजत नहीं दी है. कोर्ट ने मस्जिद में सिर्फ साफ-सफाई के लिए मंजूरी दी है. एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में मस्जिद के हालात के बारे में बताया था. साथ ही कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में मस्जिद की 6 तस्वीरों को शामिल किया था. इन्हीं तस्वीरों के जरिए रिपोर्ट में मस्जिद के हालात बताए गए.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर एएसआई टीम द्वारा 27 फरवरी को संभल की जामा मस्जिद का निरीक्षण किया गया. हाई कोर्ट ने एएसआई की टीम, जिनमें संयुक्त महानिदेशक मदन सिंह चौहान, निदेशक (स्मारक) जुल्फेगर अली, और अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद सिंह रावत और नियुक्त की गई मस्जिद के मुतवल्लियों की एक टीम को जामा मस्जिद का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के निर्देशानुसार निरीक्षण कर देखना था कि मस्जिद के रखरखाव और मरम्मत के हिस्से के रूप में सफेदी की कोर्ट आवश्यकता है या नहीं.

कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट
निरिक्षण के बाद रिपोर्ट को 28 फरवरी को सुबह 10 बजे तक कोर्ट में पेश करने को कहा गया. कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एएसआई की टीम अधिकारियों के साथ 27 फरवरी को स्थल पर पहुंची तथा जामा मस्जिद स्मारक का निरीक्षण किया. उसके बाद एएसआई ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. रिपोर्ट में बताया गया कि संभल जामा मस्जिद को प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम- 1904, प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम 1958 के प्रावधानों के अंतर्गत अधिसूचना संख्या 1645/1133-एम दिनांक 22/12/1920 के अनुसार संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है.
कैसी है संभल की जामा मस्जिद?
रिपोर्ट में बताया गया कि प्रांगण से घिरी केंद्रीय गुंबदों वाली मस्जिद तक प्रवेश द्वार से पहुंचा जा सकता है, जिसके बाद मस्जिद के पूर्व की ओर सीढियां हैं. मस्जिद के केंद्र में एक वुजूघर बना हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले मस्जिद समिति ने मस्जिद में मरम्मत और नवीनीकरण के कई काम किए थे, जिसके परिणामस्वरूप ऐतिहासिक संरचना में वृद्धि और परिवर्तन हुआ है.

रिपोर्ट में शामिल जामा मस्जिद की 6 तस्वीरें
एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में जामा मस्जिद की 6 तस्वीरें भी शामिल की हैं. इन तस्वीरों में मस्जिद में रंगाई और सफाई की कितनी आवश्यकता है उसके बारे में बताया गया है. रिपोर्ट में पहली तस्वीर मस्जिद के मुख्य दरवाजे की है. दूसरी में स्मारक का अंदर से सामान्य दृश्य है. तीसरी और चौथी तस्वीर में स्मारक का अंदरूनी भाग इनेमल पेंट के साथ दिखाया गया है. पांचवी तस्वीर में प्रार्थना कक्ष के बगल में कक्ष से गिरी हुई ईंटें और 6वीं तस्वीर में मस्जिद के बगल में स्थित कब्रिस्तान में उगी हुई वनस्पति दिखाई गई हैं.

अंदरूनी हिस्सा तीखे रंगों के इनेमल पेंट की मोटी परतों से रंगा
रिपोर्ट में तस्वीरों के साथ जिक्र किया गया है कि जामा मस्जिद (स्मारक) के फर्श को पूरी तरह से टाइलों और पत्थरों से बदल दिया गया है. मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को सुनहरे, लाल, हरे और पीले जैसे तीखे रंगों के इनेमल पेंट की मोटी परतों से रंगा गया है, जो स्मारक की मूल सतह को छिपा रहा है. टीम के अवलोकन के अनुसार, उक्त आधुनिक इनेमल पेंट अभी भी अच्छी स्थिति में है और इसे फिर से रंगने की कोई आवश्यकता नहीं है.

बाहरी हिस्से में पेंट के उखड़ने के निशान
हालांकि, स्मारक के बाहरी हिस्से में पेंट के उखड़ने के कुछ निशान हैं, लेकिन इस स्थिति को फिलहाल तुरंत ठीक करने की आवश्यकता नहीं है. स्मारक पूरी तरह से अच्छी स्थिति में है, हालांकि प्रवेश द्वार पर और प्रार्थना कक्ष के पीछे और उत्तरी तरफ स्थित कक्षों में कुछ गिरावट के संकेत हैं. पूर्व की ओर से मस्जिद का मुख्य प्रवेश द्वार जो एक बड़े लकड़ी के दरवाजे के साथ एक चौड़े द्वार से खुलता है. द्वार का लिंटेल बुरी तरह से सड़ चुका है, जिसे बदलने की आवश्यकता है.

मस्जिद के कक्ष कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में
इसी तरह, मस्जिद के पीछे (पश्चिम की ओर) और उत्तर की ओर कई छोटे-छोटे कक्ष हैं, जिनका उपयोग मस्जिद प्राधिकरण द्वारा भंडारण के उद्देश्य से किया जाता रहा है. ये कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, विशेष रूप से छतें, जो लकड़ी के शिंगलों द्वारा समर्थित हैं, कमजोर हैं. इसके अलावा, मस्जिद परिसर में हुए अन्य आधुनिक कार्यों/ हस्तक्षेपों की पहचान एएसआई के संरक्षण और विज्ञान विंग द्वारा स्मारक को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए की जानी चाहिए.

कब्रिस्तान में उगी वनस्पति
रिपोर्ट में कहा गया है कि दैनिक रखरखाव जैसे सफाई, धूल हटाना और स्मारक के अंदर और आसपास उगी वनस्पति को हटाना आदि का कार्य एएसआई करेगा, बशर्ते मस्जिद समिति कोई बाधा न डाले और ऐसा करने में एएसआई का सहयोग करे.

