रूस ने यूक्रेन पर दागी ‘न्यूक्लियर अटैक’ वाली मिसाइल… जंग में पहली बार हुआ इस्तेमाल

Russia Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. बीते एक हफ्ते में कुछ ऐसा हुआ है जो इस जंग के और भीषण होने का संकेत दे रहा है. यूक्रेन ने जहां पुतिन की चेतावनी के बावजूद रूस पर अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइलों से हमला किया था तो वहीं अब पुतिन की सेना ने अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल का इस्तेमाल कर दिया है.

यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में पहली बार रूस ने इंटर- कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का इस्तेमाल किया है. यह मिसाइल परमाणु हमला करने में भी सक्षम मानी जाती है.

कीव की वायुसेना के मुताबिक गुरुवार को रूस ने अपने दक्षिणी अस्तराखान इलाके से यूक्रेन पर इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. इससे पहले रूस की चेतावनी के बावजूद 19 और 20 नवंबर को यूक्रेन ने रूस पर अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइलों से हमला किया था.

यूक्रेन ने ICBM से हमले की पुष्टि की

यूक्रेनी सेना ने यह जानकारी नहीं दी है कि रूस की इस ताकतवर मिसाइल ने किस टारगेट को निशाना बनाया और इससे क्या नुकसान हुआ है. हालांकि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने लोगों से दहशत न फैलाने का अनुरोध किया है. दरअसल हाल ही में वॉशिंगटन और लंदन ने यूक्रेन को अपनी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.

यूक्रेन ने स्टॉर्म शैडो से किया था हमला

जिसके बाद मंगलवार को यूक्रेन ने रूस के ब्रियांस्क इलाके में यूएस-मेड 6 ATACMS मिसाइल से हमला किया, वहीं बुधवार को ब्रिटेन की स्टॉर्म शैडो मिसाइल दागने की खबरें आई, अगले दिन इस हमले की पुष्टि करते हुए रूसी सेना ने दोनों मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया.

रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में जानकारी दी है कि रूसी वायुसेना ने दो स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइल, 6 US-मेड HIMARS रिएक्टिव मिसाइल और 67 ड्रोन मार गिराए हैं.

बुधवार से ही आशंका जताई जा रही थी कि रूस, यूक्रेन के इन हमलों के जवाब में बड़ी कार्रवाई कर सकता है. रूस के बड़े हमले की आशंका के चलते बुधवार को ही अमेरिका समेत इटली, ग्रीस और स्पेन ने कीव स्थित अपने दूतावास अस्थायी तौर पर बंद कर दिए थे.

कीव और उसके सहयोगियों को संदेश

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को रूस ने जब यूक्रेन पर इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल दागी तो उसमें न्यूक्लियर वॉरहेड नहीं था, यूक्रेनियों का कहना है कि इस मिसाइल से कोई खास नुकसान नहीं हुआ है. लिहाजा माना जा रहा है कि रूस ने इस ताकतवर मिसाइल का इस्तेमाल यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों को यह संदेश देने के लिए किया है कि रूस के पास ऐसे हथियार मौजूद हैं जो तबाही ला सकते हैं और अगर उसे उकसाया गया तो वह इसका सटी तरीके से इस्तेमाल भी कर सकता है.

क्या होती है इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल ?

इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल लंबी दूरी की मिसाइलें होती हैं, जो परमाणु हमले करने में सक्षम होती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी रेंज 6000 से लेकर 9300 मील तक की हो सकती है. करीब 7 महीने पहले रूस ने अपने कापुस्तिन यार रेंज से इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल का परीक्षण किया था, तब रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यह मिसाइल रूस की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगी. वहीं रूसी मीडिया के मुताबिक ICBM एक सॉलिड फ्यूल मिसाइल है, जो थर्मो न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है.

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