Raus Coaching Centre Flooded: राव आईएएस स्टडी सर्कल में तीन स्टूडेंट की मौत का मामला छाया हुआ है. इन छात्रों के गुस्से की वजह मारे गए केवल तीन स्टूडेंट नहीं हैं, पिछले सप्ताह भी एक छात्रा की जान गयी थी
राव आईएएस स्टडी सर्कल में तीन स्टूडेंट की मौत का मामला छाया हुआ है. इन छात्रों के गुस्से की वजह मारे गए केवल तीन स्टूडेंट ही नहीं हैं. एक और गर्ल स्टूडेंट है, जिसने पिछले सप्ताह अपनी जान दे दी थी. उस लड़की ने जिस वजह से सुसाइड किया था, वह उसकी केवल अपनी परेशानी नहीं थी, बल्कि उस समस्या से यहां रहने वाले अधिकतर लोग परेशान हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग में यह समस्या भी शामिल है. कुल मिलाकर इन यूपीएसएसी एस्पिरेंट्स के गुस्से की वजह तीन छात्रों की मौत के अलावा, यह समस्या भी है.
दरअसल, राजधानी दिल्ली के कई इलाके पर यूपीएससी कोचिंग के लिए जाने जाते हैं. इन्हीं में से एक करोलबाग है. इस इलाके में करीब 50 हजार छात्र-छात्राएं किराए में रहते हैं. यहां की एक बड़ी समस्या मकान मालिकों द्वारा लगातार बढ़ाया जा रहा किराया और ब्रोकर हैं. छात्रों का आरोप है कि मकान मालिक अपनी मर्जी से किराया बढ़ाते हैं और न बढ़ाने पर तुरंत मकान खाली करने धमकी देते हैं. इसी समस्या से परेशान एक छात्रा पिछले सप्ताह जान दे चुकी है.
21 जुलाई की शाम अंकिता की आखिरी शाम अकोला, महाराष्ट्र की रहने वाले अंकिता गोपनारायण ओल्ड राजेन्द्र नगर में ब्लाक 10 में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहीं थीं. वो कोचिंग ले चुकी थी. 21 जुलाई की शाम उसने फांसी लगाकर जान दे दी. उसने मौके पर सुसाइड नोट भी छोड़ा है. जिसमें किराए और ब्रोकर की समस्या से परेशान होने की बात कही. उसने लिखा है कि सरकार इस पर लगाम लगाए, जिससे यहां रहने वाले हजारों बच्चे इस परेशानी से बच सकें.
अंकिता के मामा ने बताया हाल
अंकिता के मामा अमर पात्रोडे रविवार को उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने अकोला से दिल्ली पहुंचे. उन्होंने न्यूज 18 हिन्दी को बताया कि जिस कमरे में वो रहती थी, उसका किराया 15500 रुपये प्रति माह था. अंकिता 20 जुलाई को परिजनों के साथ गोवा से घूमकर वापस आयी थी. वापस आते ही मकान मालिक ने 3000 रुपये प्रति माह किराया बढ़ाने को कहा. वरना पहली अगस्त तक कमरा खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया.
किराए ने बढ़ाई परेशानी
अमर ने बताया कि अंकिता मध्यमवर्गी परिवार से आती थी और उसके पिता महाराष्ट्र पुलिस में है. ज्यादा किराये की वजह से भी वो परेशान हो गयी. पढ़ाई में पहले से ही काफी खर्च आ रहा था. इसका जिक्र सुसाइट नोट में भी किया है. अंकिता ने 21 जुलाई को दोपहर करीब डेढ़ बजे मम्मी और मौसी से बात की थी और शाम को करीब साढ़े 7 बजे फांसी लगाकर जान दे दी. ब्लाक 10 में रहने वाले विशाल शिंदे ने बताया कि यहां के ज्यादारत स्टूडेंट की समस्या किराया और ब्रोकर हैं. ये मनमर्जी से किराया बढ़ाते हैं. सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए, जिससे <भविष्य में और स्टूडेंट ऐसा कदम न उठा सकें

