Ramanad Sagar

Ramayan: जब बिना तकनीक के उड़ गए हनुमान! बेहद ही अनोखी जगह हुई थी इसकी शूटिंग

‘रामायण’ पर बेशक अभी तक कितने भी सीरियल्स बन गए हों. लेकिन रामानंद सागर की ‘रामायण’ की बात ही कुछ अलग थी. इस शो का पहला एपिसोड 25 जनवरी 1997 को प्रसारित हुआ था. रामायण के कुल 78 एपिसोड दिखाए गए थे. इस शो का आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को प्रसारित किया गया था.

इस सीरियल ने व्यूअरशिप के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. बता दें ‘रामायण’ में दीपिका चिखलिया ने मां सीता की भूमिका निभाई थी और अरुण गोविल को भगवान राम की भूमिका में देखा गया था. वहीं, दारा सिंह इस शो में हनुमान के कैरेक्टर में नजर आए थे.

महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर है ये गांव

बता दें रामानंद सागर ने ‘रामायण’ के लिए मुंबई से बाहर एक ऐसी जगह खोजी, जहां इसकी शूटिंग हुई. मुंबई से करीब 150 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र- गुजरात के बॉर्डर पर ये जगह थी. इस जगह का नाम था उमरगांव जो गुजराल के वलसाड जिले में आता है. प्रकृतिक रूप से उमरगांव काफी समृद्धि है.

अरब सागर तट पर है उमरगांव

यहां पेड़-पैधे, नदियां, समुद्र और पहाड़ आसपास ही दिख जाएंगे. यही वजह थी कि ‘रामायण’ में दिखाए गए दृश्य बिल्कुल रियल लग रह थे. अरब के सागर तट पर ही उमरगांव बसा हुआ है. ‘रामायण’ के लिए ये जगह बिल्कुल उपयुक्त थी. इसी वजह से रामानंद सागर ने ‘रामायण’ की शूटिंग यहां की थी

बनाए गए थे सेट

इसी जगह पर लकड़ी के द्वारा आयोद्धा, लंका, मिथिला, किष्किंधा और कैलाश पर्वत के सेट बने थे. आपने ‘रामायण’ में देखा होगा कि हनुमान को समुद्र लाघंकर लंका जाते हुए दिखाया गया था. इतना ही नहीं बल्कि पर्वत लाने के लिए भी हनुमान को उड़ता हुआ दिखाया गया.

ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल आता है कि 1987-88 में हनुमान कैसे उड़ने लगे थे. दरअसल, दारा सिंह को इस दौरान स्पेशल बेल्ट और तार के सहारे लटकाया गया था. बहुत ही सावधानी से इस सीन की शूटिंग की गई थी ताकि नेचुरल दिख सके. कैमरा एंगल्स, लाइटिंग और स्पेशल कैमरा के इस्तेमाल से सीन को शूट किया गया था.

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