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राबड़ी देवी का तीखा तंज: सम्राट चौधरी ‘बचपन में लड़कियों को करता था परेशान’

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शुक्रवार (25 जुलाई) को बिहार विधानसभा के बाहर विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के खिलाफ विपक्ष के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी-जदयू गठबंधन और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर सनसनीखेज आरोप लगाए.

‘लड़कियों को परेशान करता था’
राबड़ी देवी ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा, “वह बचपन से बोरिंग रोड पर गुंडागर्दी करता था. मैंने उसे बचपन से देखा है. वह वहां लड़कियों को परेशान करता था.” यह बयान बिहार की सियासत में नया विवाद खड़ा कर सकता है, क्योंकि चौधरी बीजेपी के प्रमुख ओबीसी चेहरों में से एक हैं.

‘तेजस्वी की जान को खतरा’
प्रदर्शन के दौरान राबड़ी देवी ने कहा, “हम निश्चित रूप से विरोध करेंगे क्योंकि यह बिहार की जनता का सवाल है. राज्य से बाहर गए 4 करोड़ लोगों का क्या?. हम 5 दिनों से विधानसभा का घेराव कर रहे हैं. तेजस्वी यादव की जान को खतरा है. उनकी हत्या के 4 प्रयास हो चुके हैं. बीजेपी और जदयू साजिश रच रहे हैं.” उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदाता सूची संशोधन के बहाने सरकार विपक्ष के समर्थकों को वोट देने से रोकने की कोशिश कर रही है.

‘बिन पेंदी के लोटे की तरह हैं’
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को घेरते हुए ‘एक्स’ पर कर लिखा कि, “बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के सम्मानित पिता जी (बाप नहीं कहूंगा) आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार की धरती में गाड़ने की धमकी दे रहे है.”

उन्होंने आगे कहा, “अपनी अनैतिक कलाबाजियों की बदौलत बिहार की अधिकांश पार्टियों में भटक चुके, बिन पेंदी के लोटे की तरह अपनी जुबान से लुढ़कने और दबाव में विचलित होकर अनाप-शनाप बोलने वाले अस्थिर चित्त के धनी, अधीर व दिग्भ्रमित उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के संस्कारी पिता जी की अमर्यादित धमकी से डरकर गुजरात के रहने वाले प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें ऐसी जगह बैठाया है.”

एसआईआर पर विवाद
विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जा रहे हैं, खासकर दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े समुदायों के, जो विपक्ष के समर्थक माने जाते हैं. राबड़ी ने कहा कि यह एक सुनियोजित राजनीतिक चाल है, जिसका मकसद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष को कमजोर करना है. हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इसे मानक प्रक्रिया बताया है.

राबड़ी के इस बयान ने बिहार की सियासत को और गरमा दिया है. विधान परिषद के मॉनसून सत्र में हंगामे की संभावना बढ़ गई है. विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद और तूल पकड़ सकता है.

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