नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कहीं वाहनों में आग लगाई जा ही है, तो कहीं तोड़फोड़ की जा रही है और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया जा रहा है। इस प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में अब तक 15 लोगों की मौत भी हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं। इन घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन में मेरठ में चार, फिरोजाबाद, संभल, कानपुर, बिजनौर में दो-दो, मुजफ्फरनगर, रामपुर और लखनऊ में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। साथ ही स्कूल और कॉलेजों को भी बंद करने का ऐलान किया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसक विरोध-प्रदर्शन करने वाले 705 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है, जबकि करीब 4500 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया है।
प्रवीण कुमार ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी हिंसक प्रदर्शन में अब तक 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 263 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को बुलेट इंजरी आई है। प्रयागराज, गाजियाबाद, बहराइच, हापुड़, लखनऊ, बाराबंकी समेत सूबे के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा के मामले में करीब 10 हजार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणी करने पर 63 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया पर 14 हजार से ज्यादा भड़काऊ पोस्ट को लेकर कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश में कई जगह हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। शनिवार को कानपुर और रामपुर में फिर से हिंसक झड़प हुई। पुलिस के अनुसार उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां भांजी। काफी देर तक भीड़ और पुलिस के बीच झड़प चलती रही।
