अधीर के फेवर में पीएम मोदी की वो बात और मल्लिकार्जुन खड़गे की डांट? कैसे 360 डिग्री घूम गई बंगाल की राजनीति

पश्चिम बंगाल के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर-शोर से उठ रहा है कि बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी क्या पार्टी का हाथ छोड़ने वाले हैं. इस बीच अधीर रंजन को लेकर संसद में पीएम मोदी की कही एक बात फिर से चर्चा में आ गई है और लोग इसे लेकर कई मायने निकाल रहे हैं.

पश्चिम बंगाल की सियासत में इन दिनों बड़े खेल की अटकलें लगाई जा रही हैं. सियासी गलियारों में यह सवाल जोर-शोर से उठ रहा है कि बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी क्या पार्टी का हाथ छोड़ने वाले हैं. अधीर के हालिया बयानों ने बगावत के इस अंदेशे को और हवा ही दी है. इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें एक तरह से सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने यह तक कह दिया कि ‘अधीर या तो पार्टी लाइन को फॉलो करें या फिर बाहर चले जाएं.’ इस बीच अधीर रंजन को लेकर संसद में पीएम मोदी की कही एक बात फिर से चर्चा में आ गई है और लोग इसे लेकर कई मायने निकाल रहे हैं.

दरअसल अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. ममता बनर्जी ने जब पिछले दिनों कहा कि उनकी पार्टी टीएमसी विपक्षी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो वह बाहर से समर्थन देंगी. हालांकि ममता बनर्जी की तरफ से बढ़ाए गए दोस्ती के इस हाथ को अधीर ने झटके से खारिज कर दिया.

अधीर का ममता पर हमला

अधीर ने ममता का यह ऑफर ठुकारते हुए कहा था, ‘मुझे उन पर भरोसा नहीं है. वह इंडिया ब्लॉक से अलग हैं. अब वह हमारे साथ मिलने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि उन्हें एहसास है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो रहे हैं.’

अधीर का यह बयान तुरंत सुर्खियों में छा गया. पत्रकारों ने फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी इस पर सवाल कर दिया. इस खड़गे ने जिस सख्त में जवाब दिया उसका शायद ही किसी को अंदाजा रहा हो. उन्होंने साफ कहा कि अधीर टीएमसी को इंडिया ब्लॉक में शामिल करने या न करने वाले आखिर कौन होते हैं.

अधीर के बयान से भड़के खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘वह (चौधरी) फैसला करने वाले नहीं हैं. हम फैसला करने के लिए हैं, कांग्रेस फैसला करेगी. इसलिए, हम जो भी तय करेंगे वही सही होगा. हम जो भी तय करेंगे उसका पालन करना होगा और अगर कोई इसका पालन नहीं करता है, तो उसे बाहर जाना होगा.’

खड़गे की इस डांट के बाद माना जा रहा था कि अधीर रंजन चौधरी के तेवर नरम पड़ जाएंगे, लेकिन देखने को कुछ उलटा ही मिला. उन्होंने कहा कि, ‘बंगाल में कांग्रेस को बरबाद करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति सहानुभूति नहीं रख सकते’. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तृणमूल को लेकर उनका विरोध राज्य में कांग्रेस को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए है.

अधीर ने फिर दिखाए बगावती तेवर

चौधरी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने सत्ता में आने के लिए पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल इलाकों में माओवादियों की मदद ली. उन्होंने कहा, ‘वह अपने राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए और अपनी राजनीतिक विचारधारा से समझौता करने के लिए कुछ भी कर सकती हैं. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता.’ अधीर ने यह तक कह दिया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य होने के नाते वह भी पार्टी आलाकमान का हिस्सा हैं.

चर्चा में आया पीएम मोदी का बयान

ऐसे में अधीर रंजन चौधरी के इस बगावती तेवर को देखते हुए कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच वह लोकसभा में अधीर को लेकर दिए पीएम मोदी के एक बयान की याद दिला रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तब लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे. इस दौरान सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का जिक्र करते हुए कहा था, ‘इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ ऐसी विचित्र चीजें भी नजर आईं जो पहले कभी नहीं देखा, न सुना. विपक्ष के सबसे बड़े नेता का नाम बोलने वालों की सूची में ही नहीं था.’

पीएम मोदी ने फिर कांग्रेस पर ममता बनर्जी के दबाव में काम करने का इशारा करते हुए कहा था, ‘मुझे नहीं मालूम कि आखिर आपकी मजबूरी क्या है, क्यों अधीर बाबू को दरकिनार कर दिया गया. पता नहीं कलकत्ता से कोई फोने आया है. इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया.’

अब बंगाल की सियासत में ममता बनर्जी, मल्लिकार्जुन खड़गे और फिर पीएम मोदी के इन बयानों की चर्चा जोरों पर हैं और सभी की नजर अधीर के अगले कदम पर टिकी है.

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