यूपी के कन्नौज जिले में शुक्रवार देर रात एक सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि, ‘‘उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुए भीषण सड़क हादसे के बारे में जानकर अत्यंत दुख पहुंचा है। इस दुर्घटना में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
वहीं दूसरी तरफ CM योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। साथ ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। योगी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रामनरेश अग्निहोत्री को तत्काल मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया और कन्नौज के जिलाधिकारी से दुर्घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शुक्रवार शाम ट्रक और निजी बस की टक्कर के बाद आग लगने से 30 से अधिक यात्री गंभीर रूप से झुलस गयेथे, जिनमें 20 लोगों की मौत हो गई। छिबरामऊ विकास खण्ड के ग्राम धिलोई में एनएच – 91 (जी टी रोड) पर फर्रुखाबाद की विमल/चतुर्वेदी बस सर्विस की बस में ट्रक से टकराने के बाद आग लग गई। बस में लगभग 60 से ज़्यादा लोग सवार थे, जिसमें 35 से अधिक लोग जिन्दा जल गये। लगभग 25 लोगों को छिबरामऊ के सौ शैय्या अस्पताल में आये, जिसमें आधा दर्जन लोगों की हालत बेहद गंभीर है। घायलों को तिर्वा मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया 20 से 25 लोग ही बस की खिड़कियां तोड़कर निकल सके। बस और ट्रक दोनों जलकर खाक हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस में सवार कई यात्रियों ने कूद कर अपनी जान बचायी जबकि कई आग की लपटों में फंस गये। बस गुरसहायगंज स्थित एक निजी ट्रैवल कंपनी की बतायी जा रही है जो जयपुर जा रही थी। वहीं स्लपर बस में जब आग की लपटें रौद्र रूप धारण कर रही थीं, उसी समय एक मासूम बच्चा बस की खिड़की की तरफ आ गया। लोगों ने उसे कूदने के लिए कहा, वह बार-बार बस के अंदर फंसी अपनी मां की तरफ इशारा कर रहा था। तभी धमाके के साथ आग और विकराल हो गई और बच्चे को आगोश में ले लिया। ट्रक से भिड़ंत के बाद स्लीपर बस में आग लगी तो अपनी जान को बचाने के प्रयास में कई सवारियां बस की खिड़कियों से नीचे कूद गईं। इससे उन्हें चोटें आई। घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्रशासन से लगभग एक दर्जन एंबुलेंसों की व्यवस्था की गई थी।