Sanatan Controversy : उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म’ पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. अब पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने मंत्रियों को इस पर ‘उचित जवाब’ देने का फरमान जारी कर दिया है. कैबिनेट की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि के उस बयान से उपजे सनातन धर्म विवाद पर बात की. कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बातचीत में पीएम मोदी (PM Modi) ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि मंत्रियों को सनातन धर्म की बहस का करारा जवाब देना चाहिए. पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने मंत्रियों से कहा कि INDIA और भारत विवाद को सनातन विवाद पर हावी न होने दें. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने यह भी चेतावनी दी कि केवल पार्टी प्रवक्ताओं को ही भारत बनाम भारत मुद्दे पर बोलना चाहिए.
सनातन विवाद क्या है?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया. उदयनिधि ने कहा कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए. इस टिप्पणी के बाद बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया. भाजपा ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. उदयनिधि पर नरसंहार को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया गया था.
अपनी बात पर कायम हैं उदयनिधि
उदयनिधि अपनी बात पर कायम हैं. उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी जाति-आधारित समाज के खिलाफ थी. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनकी टिप्पणियां नरसंहारक थीं और कहा कि जब पीएम मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो वह सभी कांग्रेसियों को मिटाने की बात नहीं करते हैं.
उदय की टिप्पणी पर INDIA खेमे में दो राय है. कांग्रेस के प्रियांक खड़गे और कार्ति चिदंबरम ने उदय की बात का समर्थन किया. उत्तर प्रदेश के रामपुर में प्रियांक और उदयनिधि के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और 153 ए (विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.