कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू Lockdown से पैदा हुए विकट हालात से निपटने के लिए खाद्य मंत्रालय ने कई बड़े फैसले लिये हैं। 130 करोड़ आबादी वाले देश की खाद्य सुरक्षा को महफूज रखने की जिम्मेदारी उठा रहा खाद्य मंत्रालय इन दिनों 24 घंटे काम कर रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान अपने मंत्रालय के आला अफसरों के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लगातार संपर्क में हैं।
सरकारी स्टॉक का हवाला देते हुए पासवान ने कहा ‘सरकार के पास पूरे साल की जरूरतभर के लिए पर्याप्त खाद्यान्न है।’ जमाखोरी व कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। सरकार के पास पूरे साल के लिए खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक है। आज की तारीख में सरकारी गोदामों में 544 लाख टन अनाज है। इसमें 306 लाख टन चावल और 238 लाख टन गेहूं है। जबकि राशन प्रणाली के लिए हर महीने 60 लाख अनाज की जरूरत होती है। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बंपर पैदावार होने वाली है, जिसकी खरीद अगले पखवारे में चालू हो जाएगी।
देश की 81 करोड़ की आबादी को हर महीने अति रियायती दर पर गेहूं व चावल दिया जाता है। इसके अलावा Lockdown के प्रभावों को कम करने के लिए सरकार ने अगले 3 महीने तक 5 किलो प्रत्येक व्यक्ति मुफ्त अनाज देने का फैसला किया है। सभी राज्यों को अपने हिस्से का अनाज उठाने और उपभोक्ताओं को बांटने का निर्देश दिया गया है। लेकिन कुछ राज्य अनाज उठाने में अभी भी विलंब कर रहे हैं।
FCI से अनाज खरीदने की प्रक्रिया को अत्यंत सरल कर दिया गया है। इसके तहत FCI ने टेंडर प्रक्ति्रया को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है, जिससे किसी भी निजी व्यापारिक प्रतिष्ठान अथवा बड़े उपभोक्ता प्रतिष्ठान के साथ कोई भी संस्थान यहां से अनाज बेरोक टोक एक निश्चित मूल्य पर खरीद सकता है।