टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक से पहले ही प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से गायब हो गया है। एफएटीएफ की बैठक रविवार को पेरिस में शुरू हुई है। IMF, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और अन्य संगठनों समेत 205 देशों के 800 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। एक रिपोर्ट में भारतीय राजनयिकों के हवाले से कहा गया कि भारत बैठक में पाकिस्तान पर Masood Azhar पर एक्शन लेने के लिए दबाव बनाएगा।
पाकिस्तान की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पार्टी के प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने एफएटीएफ की बैठक से पहले Masood Azhar के गायब होने पर चिंता जाहिर की और पाकिस्तान की नीयत पर कई सवाल खड़े किए।
Masood Azhar और उसका परिवार कथित तौर पर पाकिस्तान की कस्टडी से लापता हो गया है। जैश सरगना संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया है। पुलवामा हमले का मास्टर माइंड भी Masood Azhar ही है। पिछले साल जून में खबर आई थी कि रावलपिंडी में हुए धमाकों में Masood जख्मी हो गया है। वह यहां आर्मी अस्पताल में किडनी के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। इसके बाद से उसकी कोई खबर सामने नहीं आई।
हुसैन ने ट्वीट किया- Masood Azhar और उसके परिवार के लापता होने की खबर पेरिस में एफएटीएफ के सत्र की शुरुआत से पहले आई। इस हफ्ते पेरिस स्थित दुनियाभर के आंतकी गतिविधियों और फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था इसका मूल्यांकन करेगी कि क्या पाकिस्तान ने टेरर फाइनेसिंग से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पाकिस्तान में चार दिनों की यात्रा के दौरान सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के प्रांतों का दौरा करेंगे और वहां होने वाले अत्याचार की कहानियों को सुनेंगे।
हुसैन अभी लंदन में नजरबंद हैं। वे लगातार अपने टेलिफोनिक भाषणों में मुहाजिरों के उत्पीड़न के लिए पाकिस्तानी सेना और ISI की आलोचना करते हैं।
एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। साथ ही ब्लैक लिस्ट से खुद को बचाने के लिए 27 सूत्रीय एक्शन प्लान सौंपा था। अगर संस्था को लगता है कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान को सही तरीके से लागू नहीं किया है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।