Air Fares During Festive Season

अब छठ-दिवाली पर घर जाना हुआ आसान, जानें प्लेन के किरायों पर DGCA का प्लान

Air Fares During Festive Season: करीब आते फेस्टिव सीजन के साथ प्‍लेन के किरायों ने भी बढ़ना शुरू कर दिया है. प्‍लेन के किराए काबू से बाहर न जा पाए, लिहाजा डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) एक्टिव मोड में आ गया है. दरअसल, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (MoCA) की तरफ से डीजीसीए को निर्देश दिए गए थे कि फेस्टिवल सीजन के दौरान एयर फेयर में किसी भी तरह का अव्‍यवहारिक उछाल ना आ पाए. साथ ही, सभी एयरलाइंस के किरायों पर कड़ी नजर भी रखी जाए.
यदि किसी एयरलाइन के एयर फेयर में अव्‍यवहारिक वृद्धि देखी जाती आता है, तो उन पर काबू पाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं. इसी कड़ी में डीजीसीए ने प्रोएक्टिवली सभी एयरलाइंस के साथ मीटिंग की है. मीटिंग के दौरान, एयरलाइंस से कहा गया है कि फेस्टिव सीजन की भारी डिमांड को देखते हुए नकेवल फ्लाइट कैपेसिटी बढ़ाएं, बल्कि एक्स्ट्रा फ्लाइट्स डिप्लॉय करें. मिनिस्‍ट्री और डीजीसीए को आशा है कि इस कदम से ना सिर्फ सीट्स आसानी से मिलेंगी, बल्कि टिकटों की कीमतें भी कंट्रोल में रहेंगी.
फेस्टिव सीजन में चलेंगी 1762 एडिशनल फ्लाइट
वहीं, एयरलाइंस ने डीजीसीए के इस डायरेक्शन पर काम करना शुरू कर दिया है. इंडिगो (IndiGo) ने फेस्टिव सीजन के दौरान अपने सभी 42 सेक्टर्स में करीब 730 एडिशनल फ्लाइट्स डिप्लॉय करने की बात कही है. वहीं, एयर इंडिया (Air India) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) ने अपने 20 सेक्टर्स में लगभग 486 एक्स्ट्रा फ्लाइट चलाने का प्लान शेयर किया है. स्पाइसजेट (SpiceJet) भी पीछे नहीं रही और उसने 38 सेक्टर्स में करीब 546 एडिशनल फ्लाइट्स डिप्लॉय करने की बात कही है.

एयर फेयर पर होगी डीजीसीए की पैनी निगाह
इस बीच, डीजीसीए ने साफ कर दिया है कि वो फेस्टिव सीजन के दौरान एयरलाइंस के किराए और फ्लाइट कैपेसिटी पर सख्त नजर रखेगा, ताकि पैसेंजर्स के हितों की पूरी रक्षा हो सके. इसका मतलब है कि अगर किराए में बेवजह बढ़ोतरी हुई या सीट्स की कमी दिखी, तो डीजीसीए तुरंत एक्शन लेगा. वहीं, इस बाबत ट्रैवल एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेस्टिवल टाइम खासकर दीवाली और छठ जैसे त्योहारों के दौरान डिमांड हमेशा पीक पर होती है. ऐसे में डीजीसीए का ये कदम पैसेंजर्स के लिए राहत की खबर है. अब देखना ये है कि एयरलाइंस इस प्लान को कितनी अच्छी तरह लागू करती हैं और क्या किराए सचमुच कंट्रोल में रह पाते हैं.

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