अब लुका-छिपी का खेल नहीं, जरूरत पड़ी तो फिर पार करेंगे LoC

भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर आए दिन हो रही गोलीबारी के बीच पाकिस्तान (Pakistan) को एक बार फिर से चेताया है। बता दें कि उरी अटैक के बाद भारतीय सेना ने 28 सितंबर 2016 को एलओसी पार कर पाकिस्तान में चल रहे आतंकी बेस कैंप को तबाह कर दिया था। इसके बाद इसी साल पुलवामा हमले के बाद भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट और पीओके में एयर स्ट्राइक की थी। जनरल रावत ने पाकिस्तान को ‘प्रॉक्सी वॉर’ पर लताड़ लगाई है। रावत ने कहा कि जरूरत पड़ी तो भारतीय सेना एक बार फिर से बॉर्डर पार कर सकती है।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) से एक कड़ा संदेश गया है कि लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तबतक शांति रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं करता। अगर पाकिस्तान ने ऐसी कोई हिमाकत की, तो भारतीय सेना एक बार फिर बॉर्डर पार कर सकती है।

जनरल रावत ने आतंकवाद का समर्थन और आतंकियों को अपनी जमीन पर पनाह देने को लेकर भी पाकिस्तान को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को कमजोर किया, तब हमारे पड़ोसी मुल्क ने इसके खिलाफ खासतौर पर ‘जिहाद’ की शुरुआत की। जनरल रावत ने कहा कि भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर पाकिस्तान की पॉलिसी का हिस्सा है।

सेना प्रमुख ने कहा, ‘क्या पाकिस्तान ने 5 अगस्त के बाद कश्मीर में खुले तौर पर जिहाद की बात नहीं कही है? यह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन करने की मौन स्वीकृति है। आप आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए रातोंरात ऐसी मशीनरी नहीं बना सकते। वह हमेशा से मौजूद था. पाकिस्तान में आतंकी शिविर रहे हैं, वे सिर्फ उसे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करते रहे हैं।’

आर्मी चीफ जनरल रावत ने कहा, ‘परमाणु हथियार निवारण का हथियार है। ये युद्ध में लड़ने वाले हथियार नहीं होते। कोई कैसे इसका दावा कर सकता है कि वह उसका इस्तेमाल पारंपरिक युद्ध में करेगा या उस पर हमले की स्थिति में करेगा?’ रावत ने कहा, ‘परमाणु हथियारों को लेकर पाकिस्तान का बयान रणनीतिक हथियारों के इस्तेमाल की अनुचित समझ को दर्शाता है।’

बता दें कि थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष बन गए हैं। इससे पहले यह पद वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ के पास था। सीओएससी तीनों सेनाध्यक्षों को मिलकर बनी हुई एक कमेटी है। हमेशा इसका अध्यक्ष तीनों सेनाध्यक्षों में जो सबसे वरिष्ठ होता है उसके पास होता है। जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को रिटायर होंगे।


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