बिहार में इन जगहों पर रख सकेंगे शराब, जानें शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार के नए नियम और छूट

बिहार में वर्ष 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन, कई सियासी दल सामाजिक संगठन शराबबंदी कानून को बेहद सख्त बताते रहे हैं. बिहार की नीतीश सरकार के भीतर से भी कई बार इसके विरुद्ध आवाजें उठीं कि इसमें रियायत दी जाए. अब जाकर पांच साल बाद सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इस शराबबंदी कानून (Prohibition Act) में थोड़ी राहत देने का निर्णय लिया है. बुधवार को हुई बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक (Bihar Cabinet Meeting) में बिहार के शराबबंदी कानून में बदलाव करते हुए मद्य निषेध और उत्पाद नियमावली 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी. बिहार में

बता दें कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. अब नये कानून के तहत मद्य निषेध से जुड़े कई नियमों को स्पष्ट किया गया है. इसके तहत अगर किसी परिसर में शराब का निर्माण, भंडारण, बोतल बंदी, बिक्री या आयात-निर्यात होता है, तो वैसे पूरे परिसर को सीलबंद कर दिया जाएगा. आइये हम बिंदुवार जानते हैं कि नये कानून के तहत कितनी छूट मिली है और कहां पाबंदी की गई है.

  1. बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध और उत्पाद नियमावली 2021 पास होने से पहले पहले नियम था कि जिस भी घर से शराब मिलता था पूरे घर को सील कर दिया जाता था. अब इसमें बदलाव किया गया है.

2. नये नियम के मुताबिक किसी परिसर में शराब का निर्माण, भंडारण, बोतल बिक्री या आयात-निर्यात किया जाता है तो वैसे में पूरे परिसर को सील कर दिया जाएगा.
3. जहां शराब बरामद किया गया वो आवासीय परिसर है तो सिर्फ उस हिस्से को सील किया जाएगा, जहां से शराब मिला है. यानी पूरे घर को सील नहीं किया जाएगा.
4. छावनी क्षेत्र और मिलिट्री स्टेशन में शराब स्टॉक और उपभोग करने की अनुमति दी जाएगी. मगर कैंटोनमेंट एरिया से बाहर किसी भी कार्यरत या रिटायर सैन्य अधिकारी को शराब सेवन की अनुमति नहीं दी जाएगी.
5. मादक द्रव्य से जो वाहन लदे होंगे, उन्हें राज्य सीमा में घोषित चेकपोस्ट से ही आने-जाने की अनुमति दी जाएगी. ऐसे वाहनों के लिए 24 घंटे के अंदर राज्य की सीमा से बाहर निकलना जरूरी होगा.
6. शराबबंदी कानून के तहत पहली बार पकड़े जाने पर जमानत देने के लिए धारा 436 के प्रावधान प्रभावी होंगे. कलेक्टर के आदेश के खिलाफ अपील दायर की छूट मिल सकेगी. उत्पाद आयुक्त को 30 दिनों के अंदर आदेश पारित करना होगा.
7. नये नियमों के अनुसार इथेनॉल प्रोडक्शन करने वाली अनाज आधारित डिस्टिलरी की गतिविधि 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेगी.

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