भारतीय नेवी (Indian Navy) ने मंगलवार को जानकारी दी है कि साल 2024 तक 15B प्रोजेक्ट के चारों मिसाइल विध्वंसक पोत बेड़े में शामिल कर लिए जाएंगे. नेवी ने जानकारी दी है कि आगामी 21 नवंबर को पहला पोत ‘विशाखापत्तनम’ शामिल कर लिया जाएगा. इसके अलावा एक कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ‘वेला’ को भी 25 नवंबर को शामिल किया जाएगा. दरअसल हिंद महासागर में चीन की बढ़ती ताकत के मद्देनजर इन पोतों को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
‘विशाखापत्तनम’ पोत 15 B क्लास के 4 पोतों में पहला है. इसे नेवी के संगठन डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने ‘डिजाइन’ किया है. इसे मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है.
प्रोजेक्ट 15 B की कुल कीमत करीब 35 हजार करोड़ रुपये है. इस प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट साल 2011 में साइन किया गया था. ‘विशाखापत्तनम’ की कमीशनिंग के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे. मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए वाइस एडमिरल एसएन घोरमड़े ने कहा कि विशाखापत्तनम की कमीशनिंग के साथ ही भारत उन ताकतवर देशों में शामिल हो जाएगा जो अत्याधुनिक पोत बना सकते हैं.
इससे पहले खबर आई थी कि भारतीय नेवी अब परमाणु-पारंपरिक दोनों पनडुब्बियों के बेड़े को ऑपरेट करेगी. सूत्रों से यह बात एक अधिकारी ने भारत की समुद्री सीमाओं पर खतरे से निपटने के संदर्भ में कही थी. अधिकारी ने कहा था, ‘हमारे लिए, समुद्री सीमाओं और खुले महासागर, दोनों जगह चुनौती है. इसलिए भारतीय नेवी ऐसा बेड़ा तैयार करेगी जिनमें परमाणु और पारंपरिक दोनों ही पनडुब्बियों शामिल हों.’
दरअसल बीते जून महीने में भारतीय नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों के निर्माण की परियोजना को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अनुमति दी थी. मंत्रालय ने लगभग 43,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी थी.

