चंद्रयान-2 के लैँडर विक्रम को लेकर मंगलवार को नई और अच्छी ख़बर आ सकती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का प्रोब मिशन मंगलवार को चांद के उस भाग के ऊपर से गुजरेगा, जिस पर विक्रम है। विक्रम चांद की सतह पर अपने उतरने वाली निर्धारित जगह से कुल 335 मीटर की दूरी पर है। इस बीच, 7 सितंबर को हुई हार्ड लैंडिंग के चलते कोई रेस्पोंस नहीं दे रहे विक्रम से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO भी संपर्क करने के प्रत्य्नो में लगा हुआ है।
NASA भेजेगा ISRO को विक्रम की तस्वीरे । अमेरिकन मीडिया के अनुसार , नासा का लुनार रिकॉनियसैंस ऑर्बिटर जैसे ही चन्द्रमा के इस भाग से गुजरेगा, वहां से वह ऑर्बिटर विक्रम की तस्वीरें भेजेगा। हालांकि, ये तस्वीरें थोड़ी धुंधली भी हो सकती हैं। LRO परियोजना वैज्ञानिक नोआ पेट्रो के अनुसार नासा ये तस्वीरें ISRO के वैज्ञानिकों को उपलब्ध कराएगा, जिस से चंद्रयान-2 मिशन के विक्रम के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सके। इन तस्वीरों से विक्रम की सही हालत का अंदाजा लगाने में सहायता मिलेगी ।
नहीं मिला है अभी तक HELLO का जवाब । इससे पहले नासा ने भी विक्रम से संपर्क कायम करने भरसक प्रयास किया था । उसने RADIO FREQUENCY के जरिए विक्रम को ‘HELLO’ संदेश भेजा था। नासा की जेट प्रपल्शन लेबोरेटरी ने विक्रम को RADIO FREQUENCY भेजी थी, ताकि विक्रम की कोई प्रतिक्रिया मिल सके, मगर विक्रम का अभी तक कोई जवाब सामने नहीं आया। सूत्रों के अनुसार नासा की यह लेबोरेटरी ISRO की मंजूरी के साथ डीप स्पेस नेटवर्क DSN के जरिए विक्रम से अब भी संपर्क करने के प्रयास में जुटी है । DSN के तीन केंद्रों अमेरिका के कैलिफोर्निया के गोल्डस्टोन, स्पेन के मैड्रिड, और ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में लगे एंटीना चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से संपर्क साध पा रहे हैं, लेकिन इन तीनों केंद्रों को विक्रम की ओर से कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है
