भारत के पड़ोसी देश नेपाल की राजनीतिक उथल-पुथल किसी से छिपी नहीं है। जहां पहले खबरे थीं कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफे देने वाले हैं। वहीं अभी भी पीएम ओली के इस्तीफे पर संशय बरकरार है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेताओं की ओर से इस्तीफे का दबाब बनाया जा रहा है, और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की सबसे पावरफुल इकाई सचिवालय समिति के 9 में से 6 सदस्यों ने प्रधानमंत्री को सोमवार तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन केपी शर्मा ओली अबतक इस्तीफा नहीं दिया है।
ओली के विरोध में रहे पुष्प कमल दहल प्रचंड, वरिष्ठ नेता माधव नेपाल और झलनाथ खनाल, पार्टी उपाध्यक्ष बामदेव गौतम, ओली कैबिनेट में गृह मंत्री रहे रामबहादुर थापा ने बीते शनिवार को अलग से बैठक की थी। जिसके बाद कहा गया कि पार्टी की स्थायी समिति की बैठक से जो भी फैसला होगा वो सबको मानना ही होगा, क्योंकि पार्टी ही सर्वोपरि है। यानी पार्टी का एक खेमा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर आनन-फानन में प्रधानमंत्री ओली ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सोमवार को पार्टी केपी शर्मा ओली के खिलाफ फैसला करती है तो उससे पहले ही वो दल विभाजन का अध्यादेश ला सकते हैं।