विश्व स्तर पर बढ़ते तापमान के बीच ओजोन के छेद में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है और ये पिछले 37 सालों में ओजोन के सबसे छोटे छेद के रूप में रिकॉर्ड किया गया है, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 1982 से ओजोन के छेद के आकार पर नजर बनाए हुए है और इस बार सबसे छोटे छेद के रूप में दर्ज किया गया है। नासा के अनुसार, अंटार्कटिका के ऊपरी वायुमंडल में असामान्य मौसम के पैटर्न के कारण वैज्ञानिकों ने इसकी निगरानी शुरू कर दी थी क्योंकि ओजोन परत में छेद अपने सबसे छोटे आकार तक सिकुड़ गया है, हर साल छेद के आकार में उतार-चढ़ाव आता है और आमतौर पर दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे ठंडे महीनों के दौरान सितंबर के अंत से अक्टूबर के शुरू तक सबसे बड़ा होता है। अंतरिक्ष से मिले नए आब्जर्वेशंस से पता चलता है कि छेद अब 3.9 मिलियन वर्ग मील से कम का रह गया है और ये महज 6 हफ्ते पहले 8 सितंबर को 6.3 मिलियन वर्ग मील के रिकॉर्ड क्षेत्र की तुलना में लगभग आधा हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि साल के इस समय के दौरान छेद आमतौर पर लगभग 8 मिलियन वर्ग मील के आकार का होता है, नासा के अनुसार, ओजोन को नष्ट करने की प्रक्रिया में ‘मुख्य घटक’ पोलर स्टार्टोस्फेरिक क्लाउड्स होते हैं।
Related Posts
प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के मास्टर स्ट्रोक से चित हुए चीन और पाकिस्तान
By
Beena Rai
/ August 21, 2019
क्या इस देश ने भ्रष्टाचार को स्वीकार कर लिया है?
By
Editor desk
/ August 23, 2019
FATF ने पाकिस्तान को किया ब्लैक लिस्ट , मानकों पर खरा नहीं उतर सका पाक
By
NVR24 DESK
/ August 23, 2019
