प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में रुपे कार्ड की पेशकश की जिससे यहां की बहुत सी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी भारत के इस डिजिटल भुगतान कार्ड से चीदें खरीदी जा सकें। संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बन गया जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया है। भारत इससे पहले सिंगापुर और भुटान में रुपे कार्ड के चलने को शुरू कर चुका है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘भारत और यूएई की अर्थव्यवस्थाओं को एक दूसरे के और नजदीक लाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यूएई में आधिकारिक तौर पर रुपे कार्ड को पेश किया गया। खाड़ी देशों में यूएई पहला देश है जिसने भारतीय रुपे कार्ड को अपनाया है। यूएई की कई कंपनियों ने रुपे भुगतान को स्वीकार करने की बात की है।’
यूएई में भारतीय राजदूत नवदीप सिंह सुरी ने इससे पहले इस हफ्ते में कहा, ‘यूएई इस क्षेत्र का सबसे बड़ा और आकर्षक व्यवसायिक केंद्र है। इस क्षेत्र में रहने वाले भारतीय समुदाय के सबसे अधिक लोग यहीं (यूएई में) रहते हैं, सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक यहीं आते हैं और इस सबसे ज्यादा व्यापार भारत के साथ है। इस क्षेत्र में रुपे कार्ड को स्वीकार करने वाला पहला देश बनने के साथ हम उम्मीद करते हैं इससे पर्यटन, व्यापार तथा भारतीय समुदाय, इनमें से सबको लाभ होगा।’
दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 2018 में करीब 60 अरब डॉलर का रहा। मोदी फ्रांस, यूएई और बहरीन की तीन देशों की यात्रा के क्रम में शुक्रवार को पेरिस से यहां पहुंचे। यहां उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायेद’ से भी सम्मानित किया जाएगा। वह पहले ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्हें यह सम्मान दिया जाएगा।
