चौधरी विजेंद्र सिंह बने सर्वधर्म समभाव के प्रतीक, मकर संक्रांति पर गंगा आरती कर फूंका चुनावी बिगुल

बिजनौर 14 जनवरी मकर संक्रांति और लोहड़ी के मौके पर लोकदल ने मवाना से बिजनौर तक किसान जोड़ो यात्रा निकाली और इस मौके पर लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी विजेंद्र सिंह ने पूरे दल बल के साथ रास्ते भर के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और सभी धार्मिक स्थान पर माथा टेकते और दर्शन करते हुए जबरदस्त जनसंपर्क किया इस दौरान उन्होंने 36 बिरादरी के लोगों से मुलाकात करते हुए कहा लोकदल इस बार परिवर्तन करेगा और हर हाल में किसानों के हक की लड़ाई को सड़क से संसद तक ले जाएगा।

इस किसान जोड़ो यात्रा के दौरान उनके साथ हजारों वाहनों का काफिला उनके कार्यकर्ता और समर्थक साथ थे जगह-जगह पर लोगों ने फूलों हेलो और मालाओं से चौधरी विजेंद्र सिंह और उनकी पार्टी का स्वागत किया साथ ही अपना समर्थन उन्हें देने की लिए वचन दिया माता और बहनों ने उन्हें तिलक चंदन लगाकर और आरती उतार कर उनका हौसला बढ़ाया मीरापुर मोड पर नौजवानों ने उनका जबरदस्त स्वागत करते हुए आतिशबाजी की इस स्वागत और उमड़ते जन सैलाब की वजह से लोक दल उत्साहित है तो विपक्ष में भारी अफरा तफरी और दबाव का माहौल है क्योंकि मेरठ बिजनौर मुजफ्फरनगर अलीगढ़ में अब तक चौधरी विजेंद्र सिंह का अपनी पार्टी के 6 रोड शो निकाल चुके है और सबसे बड़ा रोड शो उन्होंने मेरठ से किसान घाट नई दिल्ली तक निकाला था जिसमें उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग की थी तब से ही विपक्ष और सत्ता दल उनके बढ़ते जनसंपर्क की वजह से सकते में है।

जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी विजेंद्र सिंह ने मकर संक्रांति के मौके पर बिजनौर में प्रेस को सम्बोधित करते हुए पत्रकारों से कहा किसान आज ठगा महसूस करता है और उसे अपनी फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिलता जिसकी वजह से वह आत्महत्या करने पर मजबूर है हमारी सरकार से मांग है सरकार जो समर्थन मूल्य हरियाणा पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों को गन्ने की फसल पर दे रही है उसी हिसाब से ₹400 प्रति कुंतल का भाव उत्तर प्रदेश के किसानों को भी मिलना चाहिए सरकार को बिचौलियों को खत्म कर बाजार से मुनाफाखोरी खत्म करनी होगी और किस को उसकी फसल का सीधा लाभ देना होगा।

विजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं उनके लिए किस वर्ग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए सरकार को चाहिए यह सही मौका है जब किसानों को उनका हक दिया जाए सीधे तौर पर कहा कि किसान अपना हक मांग रहा है खैरात नहीं उन्होंने किसानों के महत्वपूर्ण योगदान की याद दिलाते हुए कहा कॉविड जैसी महामारी में भी किसानों ने ही देश का पेट भरा और आज भी भर रहा है इसलिए उसे उसका हक मिलना ही चाहिए

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