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MCD Re-unification: द‍िल्‍ली में फ‍िलहाल नहीं होंगे MCD चुनाव, तीनों न‍िगम हुईं एक, राष्‍ट्रपत‍ि से म‍िली मंजूरी, अध‍िसूचना जारी

दिल्ली की तीनों नगर निगमों (MCD) को एकीकृत करने के लिए दिल्ली नगर निगम अधिनियम (संशोधन) 2022 को राष्‍ट्रपत‍ि (President) रामनाथ कोविन्द की मंजूरी के बाद अब केंद्रीय कानून और न्‍याय मंत्रालय (व‍िध‍ि व‍िभाग) (Ministry of Law and Justice) (Law Department) की ओर से अध‍िसूच‍ित कर द‍िया गया है. कानून मंत्रालय की सेक्रेटरी डॉ. रीता वशिष्ठ की ओर से इस संबंध में गजट नोट‍िफ‍िकेशन जारी कर द‍िया गया है. 18 अप्रैल, 2022 को जारी इस गजट नोट‍िफ‍िकेशन के बाद अब तीनों द‍िल्‍ली नगर न‍िगमों नार्थ, साउथ और ईस्‍ट को द‍िल्‍ली नगर न‍िगम के रूप में जाना जाएगा. इसके बाद द‍िल्‍ली नगर न‍िगम के संभाव‍ित चुनावों पर फ‍िलहाल ब्रेक लग गई है.

बताते चले क‍ि हाल ही में संपन्‍न हुए संसद के दोनों सदन लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में दिल्ली नगर निगम अधिनियम (संशोधन) 2022 संबंधी ब‍िल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश क‍िया था. इसको दोनों सदनों से मंजूरी म‍िल गई थी. संशोधन बिल को कानून बनाने के ल‍िए मंजूरी के ल‍िए राष्‍ट्रपत‍ि को भेजा गया था, ज‍िसको अब मंजूरी दे दी गई है. अब तीनों न‍िगमों को एक करने संबंधी कानून लागू हो गया है. अब इससे जुड़ी सभी जरूरी कार्रवाई की जा सकेंगी. इस कानून के लागू होने के बाद अब तीन नहीं, एक न‍िगम हो गई हैं.

साल 2011 में कांग्रेस लेकर आई थी न‍िगम व‍िभाजन का प्रस्‍ताव
इस बीच देखा जाए तो द‍िल्‍ली की एकीकृत न‍िगमों को कांग्रेस की शीला दीक्ष‍ित (Sheila Dikshit) सरकार की ओर से ल‍िए गए एक फैसले के बाद वर्ष 2011 में व‍िभाज‍ित क‍िया था. एमसीडी वार्डों की संख्‍या को 136 से 272 क‍िया गया था. उस समय केंद्र में यूपीए सरकार (Congress Ruled UPA Government) थी, लेक‍िन अब भाजपा शास‍ित एनडीए सरकार (BJP Ruled NDA Government) की ओर से तीन न‍िगमों को एकीकृत करने का फैसला क‍िया गया है.

इसको संसद से पार‍ित कराने के बाद राष्‍ट्रपत‍ि से मंजूरी म‍िल गई है. एकीकृत न‍िगम बनाने के ल‍िए अब कवायद शुरू हो जाएगी, ज‍िसके ल‍िए एड‍िम‍िन‍िस्‍ट्रेटर के रूप में व‍िशेष कार्याध‍िकारी की न‍ियुक्‍त‍ि की जाएगी और निगम वार्डों का परीसीमन का काम क‍िया जाएगा.

न‍िगम वार्डों की संख्‍या घटकर होगी 250
राष्‍ट्रपत‍ि से मंजूरी म‍िलने के बाद अब नए व‍िधेयक के मुताब‍िक दिल्‍ली में तीन महापौर और तीन न‍िगमायुक्‍त की व्‍यवस्‍था भी समाप्‍त हो जाएगी और अब द‍िल्‍ली में स‍िर्फ एक ही महापौर और न‍िगमायुक्‍त होंगे. वार्डों की संख्‍या को भी 272 की जगह 250 क‍िया जाएगा.

नए कानून के लागू होने के बाद एमसीडी पर पूरी तरह से द‍िल्‍ली सरकार का हस्‍तक्षेप समाप्‍त कर द‍िया गया है. अधिनियम में, धारा 514क के स्थान पर रखी धारा का ज‍िक्र करते हुए स्‍पष्‍ट क‍िया है क‍ि उससे जुड़ा हर शब्‍द का मतलब केंद्र सरकार होगा. अर्थात्:-
“514ए. इस निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 में किसी बात के होते हुए भी, केंद्र सरकार यदि आवश्यक हो, तो विशेष अधिकारी कहलाने के लिए किसी व्यक्ति को नियुक्त कर सकता है. उस तारीख तक जिस तारीख को पहली निगम की बैठक दिल्ली नगर निगम के शुरू होने के बाद होती है.

514एए. दिल्ली नगर निगम के प्रारंभ होने पर और उसके बाद से (संशोधन) अधिनियम, 2022,-
(ए) उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (इसके बाद के रूप में संदर्भित)
पूर्ववर्ती निगमों) के साथ सम्मिलित किया जाएगा, और दिल्ली नगर निगम का हिस्सा बन जाएगा.

(बी) किसी भी अनुबंध या अन्य में पूर्ववर्ती निगमों के लिए कोई संदर्भ साधन को नगर निगम के संदर्भ के रूप में द‍िल्‍ली समझा जाएगा.

(सी) सभी संपत्तियां, चल और अचल, या पूर्ववर्ती से संबंधित निगम दिल्ली नगर निगम में निहित होंगे.

(डी) पूर्ववर्ती निगमों के सभी अधिकार और दायित्व होंगे. नगर निगम को हस्तांतरित, और उसके अधिकार और दायित्व द‍िल्‍ली होंगे.

(ई) किसी भी अनुशासनात्मक, मध्यस्थता सहित कोई लंबित कार्यवाही, अपील या अन्य कानूनी कार्यवाही, जो भी प्रकृति की, पूर्ववर्ती द्वारा या उसके विरुद्ध नगर निगम द्वारा या उसके विरुद्ध निगमों को जारी रखा जाएगा या लागू किया जाएगा,
दिल्ली निगम कहलाएगा.

(च) ऐसे प्रारंभ से पहले बनाए गए कोई भी नियम, विनियम और उपनियम,
जहां तक ​​वे अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप हैं, नए नियम, विनियम और उपनियम बनाए जाने तक लागू रहेंगे, वह सभी लागू रहेंगे. इस सभी को लेकर करीब दो वर्ष का समय इस पूरी प्रक्र‍िया को अमल में लाने का न‍िर्धार‍ित क‍िया गया है.

गृहमंत्री ने अम‍ित शाह ने कहा-न‍िगम बांटने के पर‍िणाम नहीं आए अच्‍छे
राज्‍यसभा में ब‍िल को पेश करते हुए गृहमंत्री अम‍ित शाह ने सदन में वक्‍तव्‍य देते हुए कहा था क‍ि जब ये निगम बांटे गए थे तब उद्देश्य अच्छा सोचा होगा लेकिन परिणाम अच्छे नहीं आए. तीनों निगमों की नीतियां अलग-अलग है. उनके वित्तीय संसाधन ठीक से नहीं बांटे. कर्मचारियों की सेवा में असमानता थी जिससे असंतोष था. दिल्ली सरकार ने निगमों के साथ सौतेला व्यवहार किया.

संसद में ब‍िल पेश करने के दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा था क‍ि इसमें 4 मुख्य कारण है. इसमें एक ही शहर में तीनों निगमों के अलग-अलग कार्य विधि हैं. इसमें दो नगर निगम तो वित्तीय रूप से काफी कमजोर हैं, ये अच्छी स्थिति नहीं है. इसमें दिल्ली सरकार का व्यवहार सौतेली मां के जैसा है. मैं ठोस सबूत के साथ बोल रहा हूं क‍ि क्या इनकी सरकार सौतेली मां के जैसा निगमों के साथ नहीं कर रही है.

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