Mahant Narendra Giri Death: मिला सुसाइड नोट, शिष्य आनंद कर रहा था महंत नरेंद्र को मानसिक तौर पर प्रताड़ित

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में अब पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि महंत गिरी ने आत्महत्या की है. उन्हीं के शिष्यों ने जब उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा तो उनका शव फंदे से झूलता हुआ मिला. प्रशांत कुमार ने बताया कि उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, इस नोट में महंत गिरी ने अपने शिष्य आनंद गिरी को प्रताड़ित करने का अरोप लगाया गया है. हालांकि अभी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. बता दें महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी विवादों में घिरे रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में भी उन पर शिष्यों के साथ यौन शोषण का आरोप लगा था, उसके बाद पिछले साल उन्हें महंत नरेंद्र गिरी ने उन्हें अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

महंत नरेंद्र गिरी का अपने एक शिष्य आनंद गिरी से कुछ समय से विवाद चल रहा था. इस विवाद को लेकर महंत नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य के बीच कुछ दिनों पहले ही सुलह हुई थी. शिष्य ने उनसे माफी मांगी थी जिसके बाद महंत गिरी ने भी उन्हें माफ कर दिया था. उल्लेखनीय है कि महंत नरेंद्र गिरी कुछ समय पहले ही कोरोना से संक्रमित भी हो गए थे हालांकि वे इसको हरा कर स्वस्‍थ्य हो गए थे.

वहीं मामले पर आनंद गिरी ने कहा कि मैं अभी हरिद्वार में हूं, कल प्रयागराज पहुंचकर देखूंगा क्या सच है. आनंद गिरी बोले, ‘हमें अलग इसलिए किया गया ताकि एक का काम तमाम हो सके. नरेंद्र गिरी से विवादों पर आनंद गिरी ने कहा, ‘मेरा उनसे नहीं मठ की जमीन को लेकर विवाद था.’ आनंद गिरी ने कहा, ‘शक के दायरे में कई लोग हैं, उन्होंने ही नरेंद्र गिरी को मेरे खिलाफ किया.’

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित किए जाने के बाद स्वामी आनंद गिरी और उनके गुरु अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बीच तकरार बढ़ गई थी. इसी साल निष्कासन के बाद उन्हीने एक वीडियो जारी कर स्वामी आनंद गिरी ने अखाड़े की संपत्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि संपत्ति के विवाद में ही निरंजनी अखाड़े से जुड़े दो युवा संतों ने आत्महत्या कर ली थी और संदिग्ध परिस्थितियों में उनके शव पाए गए थे. उन्होंने निरंजनी अखाड़े से जुड़े महंत आशीष गिरी जी महाराज और महंत दिगंबर गंगा पुरी जी महाराज की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की जांच कराए जाने की भी मांग की थी. इतना ही नहीं उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी पर यह भी आरोप लगाया था कि महंत नरेंद्र गिरी ने करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित की है. इसके बाद आनंद गिरी ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था. साथ ही सीबीआई को भी इसकी जानकारी दी थी.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1