Magh Mela 2026 Snan Dates

Magh Mela 2026 Snan Dates: कब से है माघ मेला? जानिए स्नान की प्रमुख तारीख और महत्व

Magh Mela 2026 Snan Dates: माघ माह में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पाप मिटते हैं. हिंदू कैलेंडर का 11वां महीना माघ कहलाता है, जो पौष माह के बाद और फाल्गुन माह से पूर्व आता है. माघ माह में प्रयागराज में प्रसिद्ध मेला लगता है, जिसे माघ मेला के नाम से जानते हैं. माघ माह का प्रारंभ पौष पूर्णिमा के अगले दिन से होता है, लेकिन माघ मेला पौष पूर्णिमा से शुरू हो जाता है. उस दिन माघ मेले का पहला स्नान होता है. माघ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है. आइए जानते हैं कि माघ मेला कब से शुरु होगा? माघ स्नान की प्रमुख तिथियां और तारीखें क्या हैं? माघ स्नान का महत्व क्या है?
माघ मेला का शुभारंभ
पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 2 जनवरी 2026 को शाम 06:53 पी एम से शुरु होगी और अगले दिन 3 जनवरी को दोपहर 03:32 पी एम तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर पौष पूर्णिमा का स्नान 3 जनवरी 2026 को होगा. इस आधार पर माघ मेला का शुभारंभ नए साल 2026 में 3 जनवरी रविवार से होने वाला है.

माघ मेला का समापन
माघ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि को होता है. उस दिन ही माघ मेला का समापन होता है. पंचांग से देखा जाए तो महाशिवरात्रि के लिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 15 फरवरी को शाम 05:04 बजे से होगा और इसका समापन 16 फरवरी को शाम 05:34 पी एम पर होगा. निशिता मुहूर्त के अनुसार, महाशिवरात्रि 15 फरवरी को है, इसलिए माघ मेला का समापन 15 फरवरी रविवार को होगा.
माघ मेले के प्रमुख स्नान और तारीख
माघ का पहला स्नान: 3 जनवरी, 2026, पौष पूर्णिमा का स्नान
माघ का दूसरा स्नान: 14 जनवरी, 2026, मकर संक्रांति का स्नान
माघ का तीसरा स्नान: 18 जनवरी 2026, मौनी अमावस्या का स्नान, माघी अमावस्या का स्नान
माघ का चौथा स्नान: 23 जनवरी 2026, वसंत पंचमी का स्नान
माघ का पांचवा स्नान: 1 फरवरी 2026, माघ पूर्णिमा का स्नान
माघ मेले का अंतिम स्नान: 15 फरवरी 2026, महाशिवरा​त्रि का स्नानयह भी पढ़ें: मूलांक 1 वालों के लिए कैसा रहेगा नया साल 2026? अंक ज्योतिष से जानें करियर, प्रॉपर्टी, लव लाइफ
माघ स्नान का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार, माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं. व्यक्ति पाप मुक्त होकर पुण्य की प्राप्ति करता है. माघ माह में सूर्योदय से पूर्व ही गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं. तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती तीन पवित्र नदियों का संगम है. संगम में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
माघ मास की महिमा का वर्णन पद्म पुराण और गरुड़ पुराण में भी है. माघ माह में छोटा सा पुण्य कार्य आपकी मुक्ति और शुभ फल प्राप्ति का माध्यम बन सकता है.
माघ स्नान के बाद दान
माघ स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं. आप स्नान के बाद गरम कपड़े, कंबल, अन्न, गुड़, तिल आदि का दान कर सकते हैं.

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