मध्य प्रदेश कीज राजनीति में उत्पन्न हुआ सियासी संकट हर दिन और गहराता जा रहा है। आज का दिन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के लिए काफी अहम माना जा रहा है । आपको बता दें आज सुप्रीम कोर्ट में तुरंत राज्य सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई होनी दरअसल मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के 9 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राज्य की कांग्रेस सरकार अपने 22 विधायकों के इस्तीफे की वजह से बहुमत खो चुकी है, और फ्लोर टेस्ट से बचने की कोशिश कर रही है।
बीते 16 मार्च को राज्यपाल लालजी टंडन ने पत्र लिखतक सीएम कमलनाथ को आदेश दिया था कि विधानसभा में बहुमत साबित करे, लेकिन ऐसा करने की जगह विधानसभा के सत्र को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और अन्य बीजेपी के 9 विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में दखल देने की मांग की थी। अब आज सब की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी रहेंगी कि आखिल देश की शीर्ष अदालत में मध्यप्रदेश के भविष्य का क्या फैसला है।
आपको बता दें हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साथ उनके 22 समर्थक विधायको ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसमें से 6 विधायको का इस्तीफा स्वार कर लिया गया था वहीं बाकी के 16 के इस्तीफे को मंजूर किया गया है या नहीं ये अभी साफ नहीं हो पाया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सियासी समिकरण की बात करें तो कुल संख्या 230 है, जिनमें से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास 107। इसके साथ ही बीएसपी के पास दो और सपा के पास एक विधायक हैं। 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो विधानसभा सीटें खाली हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के आंकड़े के लिए 116 विधायकों का है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को 121 विधायको का समर्थन प्राप्त है। अब कौन सा सियासी भूचाल मध्यप्रदेश की राजनीति में आने वाला ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

