मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ ने लागू किया ब्रिटिश काल का कानून, अस्पतालों का किया अधिग्रहण

तेजी से बढ़ते COVID-19 संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना की महामारी से लड़ने के लिए निजी अस्पतालों का अधिग्रहण करने की सोची है। इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश काल का कानून लागू किया है। इंदौर प्रशासन ने शुक्रवार को 2 अस्पतालों का अधिग्रहण किया है। इंदौर में पूरे प्रदेश के 29 में से करीब आधे मामले हैं और दो में से एक मौत यहीं हुई है।

इंदौर के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रवीण जाडिया ने कहा कि ये सब महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत किया है। उन्होंने कहा- ‘कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव के आदेश पर गोकुलदास और विशेष अस्पताल को COVID-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अधिग्रहीत किया गया है।’ बता दें कि ये कानून 4 फरवरी 1897 को मुंबई में फैली महामारी प्लेग से लड़ने के लिए बनाया गया था।

उन्होंने ये भी कहा कि 18 निजी अस्पतालों को COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए ऑथराइज किया गया है। वह बोले- ‘हमारे पास MRTB सरकारी अस्पताल में मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए 60 बेड हैं और जगदगुरु दत्तात्रेय अस्पताल में 150 बेड का क्वारेंटाइन है। MTH अस्पताल में 450 बेड आइसोलेशन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।’

डॉक्टर जाडिया ने कहा- एक निजी अस्पताल को इलाज के लिए ऑथराइज करने और उसका अधिग्रहण करने में अंतर होता है। जिन अस्पतालों को ऑथराइज किया जा रहा है वह COVID-19 के मरीजों के अलावा बाकी मरीजों का भी इलाज कर सकते हैं, लेकिन जिनका अधिग्रहण किया जा रहा है, उनमें सिर्फ COVID-19 के मरीजों का ही इलाज होगा। निजी अस्पतालों के मेडिकल और अन्य स्टाफ को भी शामिल किया जाएगा। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ने निजी तौर पर चलने वाले रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया है।

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