राजधानी में 2 फरवरी की सुबह अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन हत्याकांड का गुरुवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। हिन्दूवादी नेता की हत्या की साजिश उनकी दूसरी पत्नी स्मृति और उसके प्रेमी ने रची थी। पुलिस के अनुसार स्मृति और दीपेन्द्र के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसमें रणजीत बच्चन रोड़ा बन रहे थे। जिसके बाद दोनों ने संजीत गौतम व शूटर जितेंद्र के साथ मिलकर रणजीत बच्चन की हत्या कर दी। लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि स्मृति, दीपेंद्र और संजीत गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि रणजीत को गोली मारने वाला शूटर जितेंद्र अभी फरार है। कमिश्नर ने शूटर जितेन्द्र को गिरफ्तार करने या सूचना देने वाले को 50 हजार का ईनाम देने की भी जानकारी दी।
लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रणजीत बच्चन की हत्या के लिए स्मृति को उसके प्रेमी देवेंद्र ने उकसाया था। जिसके बाद दोनों ने हत्या की साजिश रच डाली। स्मृति की गिरफ्तारी लखनऊ के विकास नगर स्थित उसके आवास से हुई। जबकि देवेंद्र को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है। रात तक उसे लखनऊ ले आया जाएगा। हत्या में शामिल रहे संजीत गौतम को मोहनलालगंज के जबरौली से बृहस्पतिवार दोपहर गिरफ्तार किया गया है। शूटर जितेंद्र की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
2 फरवरी की सुबह संजीत ने शूटर को कार में बिठाकर हजरतगंज स्थित भाजपा कार्यालय के पास छोड़ा था। जहां से जितेंद्र रणजीत बच्चन के पीछे गया और ग्लोब पार्क के पास गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। घटना में रणजीत के साथ मार्निंग वाॅक पर गए उनके रिश्तेदार आदित्य श्रीवास्तव को भी गोली लगी थी। कमिश्नर ने बताया कि स्मृति और दीपेंद्र शादी करना चाहते थे, लेकिन रणजीत बच्चन तलाक नहीं दे रहे थे। यह मामला 2016 से कोर्ट में लंबित है।
एक थप्पड़ बना हत्या की वजह!
लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने बताया कि 17 जनवरी को स्मृति और रणजीत की मैरिज एनवर्सरी थी। दोनों लखनऊ के सिकंदरबाग चैराहे पर मिले थे। रणजीत स्मृति को लेकर एनवर्सरी सेलीब्रेट करने के लिए होटल जाना चाहते थे। लेकिन स्मृति ने इनकार कर दिया था, जिससे नाराज होकर रणजीत ने स्मृति को थप्पड़ मार दिया था। इस बात की जानकारी जब दीपेंद्र को हुई तो वह आग बबृला हो गया और रणजीत को जान से मारने का फैसला कर लिया।
स्मृति और दीपेंद्र की दोस्ती से गहराया पुलिस का शक
सुजीत पाण्डेय ने बताया कि पुलिस शुरूआत से ही अन्य पहलुओं के साथ पारिवारिक कलह, अवैध संबंध और प्रापर्टी विवाद और आतंकी हमले को ध्यान में रखकर जांच पड.ताल कर रही थी। हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की 12 टीमें काम कर रहीं थीं। हिन्दू महासभा के बैंक अकाउंट, रणजीत के सोशल मीडिया और फेसबुक को भी सर्च किया गया। लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। रणजीत ने दो शादियां की थीं, दोनों पत्नियों के साथ इनके संबंध मधुर नहीं थे। रणजीत बच्चन ओसीआर बिल्डिंग में पहली पत्नी कालिंदी के साथ रह रहे थे, जबकि दूसरी पत्नी स्मृति विकासनगर में रह रही थी। स्मृति ने रणजीत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा रखीं थीं। जिसके चलते पुलिस का शक पारिवारिक कलह पर टिक गया। जब स्मृति के बारे में जानकारी जुटाई गई तो दीपेंद्र के साथ इनकी दोस्ती की जानकारी हुई। पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो हत्याकांड की गुत्थी सुलझती चली गयी