घर लौट रहे मजदूरों के लिए रेल टिकट का पूरा खर्च- सोनिया गांधी

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में लागू किए गए Lockdown की वजह से मजदूर लंबे वक्त से फंसे हुए थे। अब जब करीब एक महीने बाद उन्हें घर जाने की इजाजत मिली, तो केंद्र सरकार ने रेल किराये का सारा खर्च मजदूरों से वसूलने का फैसला लिया। इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और अब Congress अध्यक्ष Sonia Gandhi ने इसको लेकर बड़ा फैसला लिया है। Congress पार्टी सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च उठाएगी।


कांग्रेस अध्यक्ष Sonia Gandhi ने फैसला लिया है कि प्रदेश Congress कमेटी की हर इकाई श्रमिक-कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा के टिकट का खर्च उठाएगी और जरूरी कदम उठाएगी।

सोमवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर Lockdown लागू होने की वजह से देश के मजदूर अपने घर वापस जाने से वंचित रह गए। 1947 के बाद देश ने पहली बार इस तरह का मंजर देखा जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किमी. चलकर घर जा रहे हैं।


Sonia Gandhi ने बयान में कहा कि जब हम लोग विदेश में फंसे भारतीयों को बिना किसी खर्च के वापस ला सकते हैं, गुजरात में एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, अगर रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है तो फिर मुश्किल वक्त में मजदूरों के किराये का खर्च क्यों नहीं उठा सकता है?


गौरतलब है कि 24 मार्च को जब Lockdown लागू हुआ था, तब लाखों की संख्या में मजदूर जहां पर थे वहां पर ही फंस गए थे। उसके बाद अब करीब 40 दिन के बाद उन्हें घर जाने की इजाजत मिली है, राज्य सरकारों के निवेदन पर केंद्र सरकार ने इसके लिए स्पेशल ट्रेन की मंजूरी दी है।

लेकिन इस दौरान मजदूरों के किराये का वहन राज्य सरकार उठाएगी, जो कि मजदूरों से ही लिया जाएगा। रेल मंत्रालय के इस फैसले की काफी आलोचना की गई है, ना सिर्फ राजनीतिक दल और राज्य सरकारों ने इसका विरोध किया है बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसकी आलोचना हुई है।

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