एम्स भेजे जा सकते हैं लालू प्रसाद यादव, हालत चिंताजनक

Lalu Prasad Yadav Health Update : RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एम्स भेजे जा सकते हैं, बता दें कि कल ही लालू प्रसाद यादव की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी लेकिन डॉक्टरों ने निमोनिया की पुष्टि की है। हार्ट रेट पूर्व की तरह बढ़ा हुआ मिला। गौरतलब है कि बेटे तेजस्वी यादव कल ही माता राबड़ी देवी के साथ स्वास्थ्य का जायजा लेने आये थे। रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती चारा घोटाला के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की शुक्रवार को कोरोना (RTPCR) जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है। चेस्ट के हाई रेजुलेशन सीटी स्कैन (HRCT) में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है।

सुबह में डॉक्टरों ने लालू प्रसाद का मेडिकल रिव्यू किया। रेडियाेलाॅजी व ब्लड की जांच के अलावा पल्स व ऑक्सीजन लेवल की जांच की गयी। ऑक्सीजन का स्तर 97 मिला, जो सामान्य है। पल्स रेट भी सामान्य है। बुखार भी नहीं है। शाम में भी जांच में सबकुछ सामान्य मिला। सूत्रों की मानें, तो लालू प्रसाद के परिवारवालों ने उन्हें रिम्स से रेफर करने का आग्रह किया है। शनिवार की रिपोर्ट व जेल प्रशासन से बातचीत के बाद ही बाहर भेजने पर निर्णय लिया जा सकता है।

RIMS की सीटी स्कैन मशीन दो साल से खराब है। इस करण रिम्स परिसर में ही सरकार की ओर से अधिकृत एजेंसी हेल्थ मैप में लालू प्रसाद के चेस्ट की HRCT जांच की गयी। पेइंग वार्ड से हेल्थ मैप परिसर तक लालू प्रसाद को कार्डियेक एंबुलेंस से ले जाया गया। उनकी सुरक्षा में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गयी थी।

रांची हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व CM लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में सुनवाई की। अदालत ने पूछा कि लालू की सुरक्षा में कितने पुलिस बल तैनात हैं। मजिस्ट्रेट को क्यों तैनात किया गया है. रिम्स कैंपस में जहां लालू प्रसाद का इलाज चल रहा है, वहां मजिस्ट्रेट की क्या जरूरत है। अदालत ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद की तरह सभी बंदियों को सेवादार दिया जा सकता है।

कौन सेवादार बन सकता है। वह बंदी से कितनी बार मिल सकता है। बंदियों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा मिलने आनेवालों की सूचना एक रजिस्टर में प्रतिदिन दर्ज करनी चाहिए। समय-समय पर उच्च अधिकारी को औचक निरीक्षण भी करना चाहिए। अदालत ने लालू के स्वास्थ्य को लेकर रिम्स द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर नाराजगी जतायी। रिम्स प्रबंधन को अगली सुनवाई के पूर्व मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा गया कि जेल महानिरीक्षक ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की है, उसमें कई बातें स्पष्ट नहीं है। जेल से बाहर व अस्पताल में इलाजरत बंदियों की सुरक्षा की मॉनिटरिंग कैसे होगी, यह स्पष्ट नहीं है। अदालत ने कहा कि वैसी एसओपी बनायी जाये, जो सभी बंदियों पर लागू हो। मामले की अगली सुनवाई पांच फरवरी को होगी।

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