Holashtak is inauspicious

जानिए क्यों अशुभ माना जाता है होलाष्टक

22 मार्च यानी आज से होलाष्टक शुरू रहा है। यह 8 दिन तक चलता है। इन 8 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्यों को करना निषेध होता है। इस समय मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है। फाल्गुन माह में होली के कुछ दिनों पहले सभी ग्रह और नक्षत्र अशुभ स्थिति में पहुंच जाते हैं जिस कारण से चारों ओर काफी मात्रा में नकारात्मक ऊर्जा फैल जाती है। जिस कारण से Holashtak आरंभ होने लेकर इसके सामाप्त होने तक कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, Holashtak के अशुभ होने के कारण बताए गए हैं। इसके संबंध में 2 पौराणिक कथाएं हैं।


पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए 8 दिन तक कठिन यातनाएं दी थीं। आठवें दिन वरदान प्राप्त होलिका जो हिरण्यकश्यप की बहन थी वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई थीं और जल गई थी। लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे।

पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं के कहने पर कामदेव ने शिव की तपस्या भंग करने के लिए कई दिनों में कई तरह के प्रयास किए थे। तब भगवान शिव ने फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव की पत्नी रति ने उनके अपराध के लिए शिवजी से क्षमा मांगी, तब भोलेनाथ ने कामदेव को पुनर्जीवन देने का आश्वासन दिया।

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