सामाजिक न्याय के प्रतीक पुरूष, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन ‘मनसा-वाचा-कर्मणा’ का आग्रही, गरीब-गुरबों का मसीहा, लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत, अंतिम आदमी का प्रवक्ता, मगध पुत्र डॉ. जितेन्द्र कुमार सार्वजनिक जीवन में सत्य, न्याय, सदाचार, ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता, जनसेवा के प्रतिमान हैं। आपका जीवन एक खुली किताब है। छात्र जीवन में आप अहर्निश स्वर्ण पदकधारी रहे हैं। आप 2013 से ही अकादमिक जगत में प्रोफेसर के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय में सेवारत रहे। वर्ष 2019 में आपका चयन बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राचार्य के रूप में हुआ और आप देश की राजधानी दिल्ली को छोड़कर अपने बिहार की मिट्टी की सेवा करने वापस लौट आए। आप ऐतिहासिक पटना विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में डॉक्टरेट हैं। विदित हो कि आप विषय-द्वय इतिहास एवं योग में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आहूत NET-JRF क्वालीफाई किए हैं।

प्रख्यात अमेरिकी राष्ट्रपति रहे अब्राहम लिंकन ने अपने सुविख्यात ‘गेटिसबर्ग भाषण’ में लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा था: ‘लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा’ प्रदत्त शासन प्रणाली है। मैंने अपने डेढ़ दशक की मित्रता में पूर्ण मनोयोग से यह अनुभव किया है कि डॉ. साहब राजनीति को अपने समय, देशकाल का ‘युगधर्म’ समझते हैं। दूसरे शब्दों में, ‘राजनीति’ आपके लिए साधना है। राजनीति ‘परिवर्तन का दूत’ है। आपका विश्वास है कि एक सुयोग्य व्यक्ति को राजनीति के माध्यम से अंतिम जन के सेवार्थ स्वयं को अर्पित कर देना चाहिए, समर्पित कर देना चाहिए।
समाज में घटित अन्याय एवं भ्रष्टाचार के किसी भी रूप को, किसी भी स्तर पर, कभी भी-कहीं भी सुई के नोंक के बराबर भी आप स्वीकार नहीं कर सकते हैं। यह आपके उसूलों के प्रतिकूल है। मुझे अनायास ही लोहिया का स्मरण हुआ: ‘नेता तो बहुत हुए, डॉ. लोहिया एक हुए’। ठीक उसी प्रकार; ‘आचार्य तो बहुत हुए, डॉ. जितेन्द्र कुमार एक हुए’।

आज आप मगध के मानचित्र पर ध्रुवतारा की भांति दीप्तिमान हो रहे हैं; इस पुनीत अवसर पर मुझे स्वाभाविक रूप से अफ्रीकी राष्ट्र नाइजीरिया के महान साहित्यकार चिनुआ अचेबे का स्मरण हो रहा है: ‘जब तक शेर अपना इतिहास खुद नहीं लिखेंगे, तब तक उनके शिकारियों की शौर्य गाथाएं गाई जाती रहेंगी।’ जी हाँ, आपने मगध के लाखों युवाओं को अपना भाग्य-विधाता बनाने का पराक्रम किया है। सही कहते हैं; ‘हर दौर में ऐसे लोग जन्म लेते रहे हैं जो कर्म को ही अपना समझते हैं। उनके लिए सेवा ही परम धर्म होता है।’
आज आपके राजनीतिक जीवन का अत्यंत ही महत्वपूर्ण दिन है। मुझे विश्वास है आज का दिवस बिहार के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। जी हाँ; आज आपने गुदरी के लाल, सामाजिक न्याय के मसीहा श्री नीतीश कुमार जी के सबल, सशक्त नेतृत्व में समाजवाद के बैनर तले जनता दल(यूनाईटेड) की सक्रिय सदस्यता ग्रहण किया है, तत्पश्चात आप पार्टी के क्रियाशील सदस्य बने। आपके इस शानदार उपलब्धि पर हार्दिक बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जनता दल(यूनाईटेड) प्रत्याशी के रूप में तीर चुनाव-चिह्न पर हरनौत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की नुमाइंदगी सुनिश्चित करेंगे। आगामी चुनाव में आपके प्रति हरनौत की महान जनता-जनार्दन के सम्मान-समर्थन-समर्पण को साक्षी मानकर मैं साधिकार कह सकता हूँ इसबार मतदाता मालिक अपने प्रोफ़ेसर साहब(ज्ञात हो, मगध की महान जनता-जनार्दन के बीच इस नाम से लोकप्रिय हैं।) को रिकॉर्ड मतों के साथ विधानसभा भेजना सुनिश्चित करेंगे। आपकी विजय, श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व को सशक्त करने का काम करेगा। युवा आज आपकी जय बोलेंगे।

मुझे ज्ञात है कि आप अपना मानदंड खुद तय करते हैं और फिर लगातार उनसे अपने को नापते हैं। अपनी कसौटी स्वयं बनाकर सतत रूप से अपने को कसते हैं। आपके इस उद्दात गुण पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का स्मरण वांछित है:
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखण्ड विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विध्नों में रहकर नाम किया।
आप रूपी राजनीतिक योद्धा के उद्दात राजनीतिक जीवन की अहर्निश शुभकामनाओं के साथ। आप यशस्वी बनें।
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