Kharmas 2025: खरमास यानी वो 30 दिन जब सारे मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है. खरमास 16 दिसंबर 2025 से शुरू होंगे, इस दिन धनु संक्रांति है इसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा. धर्म लाभ कमाने के लिए खरमास का हर एक दिन बहुत शुभ है.
खरमास साल में दो बार लगता है. सूर्य जब मीन या धनु राशि में जाते हैं तब खरमास लगते हैं. खरमास के देवता विष्णु जी हैं, ऐसे में इस पूरे महीने जप-तप, तीर्थ दर्शन, दान करना शुभ फलदायी होता है. वहीं विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई आदि मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. न ही नया काम शुरू किया जाता है.
खरमास कब से शुरू
दिसंबर महीने में ग्रहों के राजा सूर्य देव 16 दिसंबर को सुबह 4.27 मिनट पर अपने मित्र ग्रह बृहस्पति की राशि मीन में गोचर करेंगे. सूर्य देव के वृश्चकि राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू होगा.
खरमास में क्या करें
किसकी पूजा करें – खरमास में प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएं और गायत्री मंत्र या आदित्य हृदय स्रोत का जाप करें. इससे रोग दोष दूर होते हैं. विष्णु जी और तुलसी तुलसी की पूजा करें, खासकर रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल न डालें.
स्नान – इस माह में तीर्थ यात्रा करनी चाहिए. किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें अपने घर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए. पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.
कौन सा पाठ करें – भागवत गीता, रामायण या सत्यनारायण कथा का पाठ करें.
दान-पुण्य- ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें.
तीर्थ यात्रा- धार्मिक स्थलों की यात्रा करें.
खरमास में क्यों नहीं करना चाहिए शुभ काम
जब सूर्य अपने गुरु की सेवा में रहते हैं तो इस ग्रह की शक्ति कम हो जाती है. साथ ही सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कम होता है. इन दोनों ग्रहों की कमजोर स्थिति की वजह से मांगलिक कर्म न करने की सलाह दी जाती है.

