केरल के वायनाड में भयंकर तबाही मची. अब भी लापता लोगों का इंतजार हो रहा है. वायनाड में लोगों के बीच दहशत का माहौल है. पिछले दिनों जहां जमीन खिसकने से वनायाड त्रासदी हुई थी, अब वहां से अजीब से आवाजें आ रही हैं.
जिस जगह कुदरत की तबाही में धरती के अंदर
सैकड़ों लोग समा गए, अब वहां से अजीब सी आवाज आने लगी हैं. इसकी वजह से स्थानीय लोग दहशत में जी रहे हैं. जी हां, केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड में करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 150 लोग अब भी लापता हैं. उनके परिजनों को अब भी उनके लौटने का इंतजार है. इस बीच वायनाड में लोगों के बीच दहशत का माहौल है. पिछले दिनों जहां जमीन खिसकने से वनायाड त्रासदी हुई थी, अब वहां से अजीब से आवाजें आ रही हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो शुक्रवार की सुबह जमीन के अंदर से धमाके जैसी आवाज आई और कंपन महसूस किए गए. इससे लोगों में दहशत फैल गई.
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
इसके बाद डरे-सहमे लोग भागकर स्थानीय प्रशासन के पास पहुंचे और उन्होंने पूरी बात बताई. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अंबलवयल गांव और वायथिरी तालुक के कुछ इलाकों में ये आवाजें और कंपन महसूस किए गए हैं. वायनाड की जिला कलेक्टर डी. आर. मेघश्री ने बताया कि प्रशासन ने प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है.
आवाजों की हो रही जांच केएसडीएमए यानी केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि वह भूकंपीय रिकॉर्ड की जांच कर रहा है और स्थानीय स्तर पर पड़ताल कर रहा है कि कहीं कुछ असामान्य तो नहीं है. केएसडीएमए ने बताया कि ‘अभी तक, भूकंपीय रिकॉर्ड में किसी भी तरह की हलचल के संकेत नहीं मिले हैं.’ एक पंचायत वार्ड सदस्य ने एक टीवी न्यूज चैनल को बताया कि धमाके जैसी आवाज सुबह करीब 10:15 बजे सुनाई दी. फिलहाल, किस तरह की वह रहस्यमयी आवाज थी, इस पर से पर्दा नहीं हटा है
रहस्यमयी आवाजों से दहशत
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जमीन के अंदर से आई इस रहस्यमयी आवाज से लोगों में दहशत फैल गई है क्योंकि कुछ दिन पहले ही इस पहाड़ी जिले में जमीन खिसकने से करीब 300 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग लापता हो गए थे. वायनाड भूस्खलन में जिला प्रशासन की मसौदा सूची के अनुसार अब भी 138 लोग लापता हैं. भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों से लापता लोगों की तलाश नौवें दिन भी जारी रही, जिसमें सेना और नौसेना सहित विभिन्न बलों के 1,026 कर्मी और 500 से अधिक स्वयंसेवक तथा भारी मशीनरी तैनात की गई है. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाके के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है.