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Kanya Pujan Shubh Muhurt: तिथि को कब होगा कन्या पूजन, जानिए शुभ-मुहूर्त व महत्व

Kanya Pujan Shubh Muhurt: मिथिला पंचांग के अनुसार, महानवमी के दिन 1 अक्टूबर को कन्या पूजन होगा. इस दौरान 2 साल से 10 साल तक की नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है, जिससे मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है.
नवरात्रि में कन्या पूजन देवी शक्ति का सम्मान करने का सबसे सरल तरीका है. हिंदू धर्म में छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का साक्षात स्वरूप माना जाता है. पूजा के दौरान 2 से 10 साल तक की नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है. कन्या पूजन से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि, सौभाग्य और आशीर्वाद देती हैं.
पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा के अनुसार, नवरात्रि में कन्या पूजन का सबसे ज्यादा महत्व अष्टमी और नवमी तिथि को ही माना जाता है. हालांकि कई लोग अष्टमी को कन्या पूजन करते हैं, जबकि अधिकांश लोग नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं. अभिजीत मुहूर्त में कन्या पूजन करने से कई लाभ मिलते हैं.

जानें कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
उन्होंने बताया कि अगर आप नवमी तिथि को कन्या पूजन करना चाहते हैं, तो 1 अक्टूबर, बुधवार के दिन नवमी तिथि के दो मुख्य शुभ मुहूर्त हैं. पहला शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:01 बजे से लेकर 6:14 बजे तक रहेगा. दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:57 बजे तक रहेगा। आप अपनी सुविधा अनुसार इन दोनों में से किसी भी शुभ मुहूर्त में कन्याओं का पूजन कर सकते हैं.

जानें कन्या पूजन विधि
नवमी तिथि को कन्या पूजन करने की विधि इस प्रकार है. सबसे पहले नौ कन्याओं और एक बालक (भैरव बाबा) को अपने घर पर निमंत्रण दें. जब कन्याएं घर आएं तो उनका फूलों से स्वागत करें और उनके पैरों को साफ पानी से धोएं. फिर उन्हें साफ आसन पर बैठाएं. कन्याओं के माथे पर रोली और तिलक लगाएं और उनके हाथ में मूली बांधें. इसके बाद हलवा पूरी और चना का भोजन या दही चूरा का भोजन कराएं. अंत में उन्हें दक्षिणा दें और उनके चरणों को छूकर आशीर्वाद लें और सम्मान के साथ विदा करें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा माना जाता है. कन्या पूजन करने से सभी 9 दिनों के व्रत का पूरा फल मिलता है. कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख, समृद्धि, धन-संपदा और शांति का आशीर्वाद देती हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं.

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