कमल हासन ने सोमवार को ट्वीटर पर एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा, पूरे देश पर एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता, अगर ऐसा होता है तो बड़ा आंदोलन होगा, यह आंदोलन तमिलनाडु के जल्लीकट्टू की तुलना में बड़ा होगा। इतना ही नहीं, कमल हासन ने कहा कि 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो यह वादा किया गया था कि देश में प्रत्येक भाषा और कल्चर का सम्मान किया जाएगा और उन्हें संरक्षण दिया जाएगा। कमल हासन ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट इस वादे को तोड़ नहीं सकता। कहा कि जल्लीकट्टू मात्र विरोध प्रदर्शन था। हमारी भाषा के लिए जंग उससे बड़ी होगी।
हिन्दी दिवस पर हिन्दी को राष्टभाषा बनाने की अपील के बाद से हिन्दी पर राजनीति थमती नजर नहीं आ रही है। गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद से ही कांग्रेस व दक्षिण भारतीय राज्यों में हिन्दी विरोध तेज हो गया है। कनार्टक से लेकर तमिलनाडु तक सभी तमाम राजनीति दलों ने गृहमंत्री के बयान पर आपत्ति जतायी है। हिन्दी की इस लड़ाई में दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार रहे कमल हासन भी कूद पड़े हैं। कमल हासन राजनीति में अभी नए-नए ही आए हैं। कमल हासन ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मातृभाषा तमिल ही रहेगी।
कमल हासल के हिन्दी विरोधी वीडियो पोस्ट करते ही बीजेपी नेता व वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया है। स्वामी ने लिखा, एमके स्टालिन हिन्दी थोपने की बात कर रहे हैं। तमिलनाडु में हिन्दी न पढ़ाने को लेकर वो क्या कहेंगे? हिन्दी को भी तमिलनाडु में ऑप्शनल भाषा बनने देना चाहिए।
अभिनेता ने कहा कि देश के कई राजाओं ने अपना सब कुछ देश की एकता के लिए न्यौछावर कर दिया। लेकिन लोगों ने अपनी भाषा और संस्कृति को नहीं छोड़ा, न कोई छोड़ना चाहता है। कमल हासन ने कहा कि देश में किसी पर कुछ थोपा नहीं जा सकता। एक स्तम्भ के पास खड़े होकर शूट किए गए वीडियो में कमल हासन ने कहा कि तमिल को लंबे समय तक जीने दो, देश को समृद्ध होने दो।
इससे पहले 15 सितंबर को हिन्दी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, हिन्दी हमारी राजभाषा है, लेकिन पूरे देश को एकता के सूत्र में पिराने के एक भाषा होनी चाहिए और वह हिन्दी ही हो सकती है। गृहमंत्री के इस बयान के बाद से ही दक्षिण भारतीय राजनीतिक दलों में हिन्दी विरोध की होड़ लग गई।