झारखंड में आधी आबादी के हाथ सत्ता की चाबी, जानें कैसे तय करेंगी उम्मीदवारों के भविष्य

झारखंड में सत्ता की चाबी महिलाओं के हाथों में हैं. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पूर्व सीएम चंपई सोरेन सहित राज्य की 32 विधानसभा सीटों पर पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. उम्मीदवारों की जीत या हार में महिला वोटर्स की भूमिका काफी अहम होगी.

झारखंड चुनाव के लिए सियासी बिसात पूरी तरह बिछ चुकी है. राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान हैं. राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के बीच है. राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और सीएम हेमंत सोरेन को एनडीए गठबंधन की ओर से कड़ी चुनौती दी जा रही है.

सभी राजनीतिक पार्टियों में चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. दो चरणों के बाद 23 नवंबर को मतों की गणना होगी, जिससे यह साफ होगा कि क्या फिर से राज्य में हेमंत सोरेन की वापसी होती है और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनती है.

32 सीटों पर जीत-हार में आधी आबादी का अहम रोल

हालांकि यह समय बताएगा कि झारखंड में अगली सरकार किस पार्टी की बनेगी, लेकिन झारखंड में सत्ता की कुंजी महिलाओं के हाथों में हैं. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पूर्व सीएम चंपई सोरेन सहित राज्य की 32 विधानसभा सीटों पर जीत में महिलाओं की अहम भूमिका होगी. महिलाएं यह करेंगी कि इन 32 सीटों पर किस पार्टी का कौन उम्मीदवार जीतता है.

आइए जानते हैं कि आधी आबादी कैसे उम्मीदवारों की जीत तय करेगी. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार राज्य की 32 विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक हैं. इन 32 विधानसभा सीटों में से 26 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें हैं.

हेमंत के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में महिला मतदाता ज्यादा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. 2005 से यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा जीतती आ रही है. साल 2014 और 2019 में इस सीट से हेमंत सोरेन जीत हासिल कर चुके हैं और इस चुनाव में हैट्रिक जीत के लिए बाजी लगा रहे हैं, लेकिन उनकी जीत या हार में महिलाओं की भूमिका अहम होगी, क्योंकि इस विधानसभा सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाता की तुलना में अधिक है.

बरहेट विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2.25 लाख हैं. इनमें 1.15 लाख महिलाएं और 1.09 लाख पुरुष वोटर्स हैं यानी करीब छह हजार महिलाएं अधिक हैं.

महिलाएं तय करेंगी चंपई का राजनीतिक भविष्य

इसी तरह, सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं. 1991, 1995 और 2005 से लेकर 2019 तक इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्टा के टिकट पर चंपई सोरेन विधायक चुने जाते रहे लेकिन जमीन मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने, लेकिन जब हेमंत सोरेन जमानत पर रिहा हुए और फिर से सीएम बने तो नाराज चंपई सोरेन ने भाजपा का दामन थाम लिया और पहली बार वह भाजपा के टिकट पर इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

यह चुनाव उनके लिए अग्निपरीक्षा है. इस चुनाव में क्या वह अपनी राजनीतिक साफ बचा पाएंगे. यह देखना अहम होगा, लेकिन इसमें आधी आबादी की अहम भूमिका होगी. क्योंकि यहां कुल मतदाता 3.69 लाख से अधिक हैं, इनमें 1.83 लाख पुरुष और 1.85 लाख महिला मतदाता हैं. यानी पुरुष मतदाताओं की तुलना में दो लाख महिला मतदाता अधिक हैं.

सरायकेला और बरहेट के साथ राज्य के 32 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हैं.

मझगांव में नौ लाख अधिक हैं महिला वोटर्स

झारखंड में विधानसभा सीटों की संख्या 81 हैं, इनमें 28 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और नौ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. बाकी विधानसभा की सीटें सामान्य श्रेणी की हैं.

इसी तरह पश्चिमी सिंहभूम जिले के मझगांव विधानसभा सीट पर पुरुष मतदाताओं की तुलना में सबसे अधिक महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. यहां 1.21 लाख महिला मतदाता हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 1.12 लाख है. करीब नौ लाख अधिक महिला मतदाता हैं.

झारखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 2.60 करोड़ है. इनमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिला वोटर्स हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 2.23 करोड़ थी.

झारखंड में 11.84 लाख मतदाता पहली बार वोट करेंगे. यहां के कुल मतदाताओं में 1.13 लाख दिव्यांग, थर्ड जेंडर और 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता हैं.

महिलाओं को लुभाने में जुटी पार्टियां

चूंकि सत्ता की चाबी महिलाओं के हाथ में है. इसलिए हर राजनीतिक दल महिलाओं को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहा है. महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए हेमंत सोरेन की सरकार मैय्या सम्मान योजना शुरू की है. इस योजना के तहत राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाओं 1,000 रुपये प्रति माह दिये जा रहे हैं. हेमंत सोरेन ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी सरकार में आई तो यह राशि बढ़ा कर प्रति माह 2500 रुपए कर दी जाएगी.

भाजपा ने भी महिलाओं को लुभाने के लिए गोगो दीदी योजना शुरू करने का वादा किया है. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि सत्ता में आने पर प्रति माह महिलाओं को 2100 रुपए देगी.

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