जम्मू-कश्मीर पर पाक का 115 पेज का झूठ तैयार, भारत करेगा झूठ का पर्दाफाश

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पूरी दुनिया से हार चुके पाकिस्तान ने अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत के खिलाफ 115 पेज का झूठ का पुलिंदा सौंपा है। भारत भी पाक के हर झूठ की पोल खोलने के लिए कमर कस चुका है। सोमवार से शुरू हुए सत्र में 27 सितंबर तक कई सेशन हैं। इस परिषद के 47 देश सदस्य हैं जिनमें भारत, पाकिस्तान के साथ चीन भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सिलसिलेवार तरीके से इस्लामाबाद के झूठ का जवाब देगा।

भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती

जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति को लेकर UNHRC में भारत और पाक एक-दूसरे के तर्कों को खारिज करने का प्रयास करेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान ने 115 पेज के अपने जवाब से भारत को घेरने की कोशिश करने वाला है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार के हनन पर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए पूरा जोर लगाएगा। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने के भारत सरकार के फैसले को पाकिस्तान UNHRC में प्रदेश में मानवाधिकार हनन के तौर पर पेश करने की कोशिश में है। पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को इस मुद्दे पर मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान के कथित मानवाधिकार हनन प्रस्ताव को रद्द करने के लिए भारत को UNHRC में 47 सदस्य देशों में अधिकतम के समर्थन की जरूरत होगी।

भारत को कई देशों से मिलेगा समर्थन

भारत को कई अफ्रीकी, लातिन अमेरिकी और एशियाई देशों ने समर्थन का भरोसा दिया है। भारत को यह सुनिश्चत करना होगा कि यह समर्थन वोटों में भी तब्दील हो। जिन देशों ने समर्थन का भरोसा दिया है वो देश कश्मीर मुद्दे पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित न रहें और भारत के पक्ष में वोट करें, यह जरूरी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी यूएन जनरल असेंबली में कश्मीर के मुद्दे को अपने भाषण के दौरान 27 सितंबर को उठा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन भी उसी दिन प्रस्तावित है।

भारत के लिए फिक्र की कुछ बातें हैं

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सेशन की शुरुआत में मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशालेट ने जो कहा, उसे भारत के पक्ष में नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर पर भारत सरकार के हालिया ऐक्शन को लेकर और कश्मीरी लोगों के मानवाधिकार को लेकर मैं बहुत अधिक चिंतित हूं। सरकार की ओर से जो कदम उठाए गए उनमें इंटरनेट कम्युनिकेशन पर प्रतिबंध, शांतिपूर्ण तरीके से लोगों के जमा होने और स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया जाना शामिल है।’ बाशालेट ने असम में एनआरसी के मुद्दे का भी जिक्र किया और कहा कि इसके कारण क्षेत्र में बहुत अधिक तनाव और अस्थिरता उत्पन्न हो गई है।

पाकिस्तान को घेरने के लिए भी यह एक मौका

भारत के लिए यह मंच पाकिस्तान को आईना दिखाने के लिए एक बड़ा मौका भी है। ईशनिंदा के कारण पाकिस्तान में लोगों को यातना दी जा रही है, इस मुद्दे को भारत प्रमुखता से उठा सकता है। UNHRC में भारत की ओर से पेश किए बयान के अनुसार, ‘1987 से 2017 के बीच 1500 से अधिक लोगों को ईशनिंदा के कारण प्रताड़ित किया गया। इनमें से 730 मुस्लिम, 501 अहमदी, 205 ईसाई और 26 हिंदू थे।’ इसके साथ ही भारत की ओर से जारी बयान में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। बयान के अनुसार, ‘पाकिस्तान में कानूनों के नाम पर खास तौर पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। राजनीतिक हित के लिए कमजोर अल्पसंख्यक तबके के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1