डॉ जलीस अन्सारी को महाराष्ट्र ATS और UP STF ने गिरफ्तार किया

देशभर में 52 बम धमाके करने वाले आतंकी डॉ बॉम्ब उर्फ डॉ जलीस अन्सारी को महाराष्ट्र एटीएस और UP एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार किया। अन्सारी उत्तर प्रदेश के रास्ते नेपाल जाने की तैयारी में था। लेकिन समय रहते पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की। अजमेर जेल से 21 दिन के पेरोल पर छुट्टा अन्सारी गुरुवार सुबह 5 बजे से लापता था। पेरोल पर फ़रार होने से देशभर की जाँच एजेंसी, पुलिस हरकत में आ गई था।

डॉ जलीस अन्सारी को डॉ बॉम्ब इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर रह चुका है। इस आतंकवादी ने देश के 5 राज्यों में 52 बम धमाके किए। जिनमें मुंबई पुलिस के कई थाने, शिवसेना की 7-8 शाखाएं, गुरुद्वारे, मुंबई के रेलवे स्टेशन और महत्वपूर्ण लोगों के कार्यालय शामिल हैं।

1994 में मुंबई के अपने घर में पकड़ा गया डॉ बॉम्ब पिछले 25 सालों से पांच राज्यों की अदालत के चक्कर कांट रहा है और इन राज्यों की जेल में रह चुका है। आख़िर बार राजस्थान की अजमेर की जेल में अन्सारी सजा काट रहा था जब उसे सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन के पेरोल पर रिहा किया। उसे हर दिन मुंबई के आग्रीपाडा पुलिस थाने की हाज़िरी लगाने के निर्देश थे लेकिन गुरुवार के दिन वो पुलिस थाने नहीं पहुंचा। घरवालों ने बताया कि सुबह की नमाज़ अदा करने गया अन्सारी वापस नहीं लौटा। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत ही इसकी जानकारी तमाम जाँच एजेंसियों को दे दी।

जलीस को पकड़ने के लिए महाराष्ट्र एटीएस, मुंबई क्राइम ब्रांच और देश के ख़ुफ़िया एजेंसी जुटी और विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी की मदद से उसे कानपुर में गिरफतार किया गया। पुलिस के मुताबिक़ अन्सारी जेल से देश छोड़कर भागने की साज़िश रच रहा था। इसी साज़िश के तहत उसने पेरोल की अर्ज़ी भी दी थी। पुलिस ने उन लोगों को हिरासत में लिया है जिन्होंने जलीस को भागने में मदद की।

अन्सारी अपने आग्रीपाडा स्थित उसी घर से फ़रार हुआ जहां से उसे 1994 से गिरफतार किया गया था। इसी घर में उसने बम बनाकर पुरे देश में दहशत का माहौल बनाया था। घरवालों ने पुलिस को बताया था कि जलीस जेल वापस जाना नहीं चाहता था कई बार उसने घरवालों से जेल में होने वाली परेशानी का हवाला भी दिया।

घरवाले भले ही कह रहे हो कि जलीस जेल से डरकर भाग है लेकिन पुलिस को यक़ीन था कि य जलीस जैसे ख़तरनाक आतंकी पेरोल में पूरी तैयारी के साथ भागा है। इसी लिए पुरे देश में जलीस को लेकर हाय अलर्ट जारी किया है। 26 जनवरी से पहले जलीस जो अकेले ही बम धमाकों को अंजाम देता है उसका बाहर रहना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ था।

जलीस अन्सारी को 1994 में पकड़नेवाली की टीम के सदस्य रिटायर्ड डीसीपी संजय कदम के मुताबिक जलीस अन्सारी पेश से एमबीबीएस डॉक्टर है। पढ़ाई में होशियार जलीस अन्सारी ने मुंबई के ही ग्रांट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री फ़र्स्ट क्लास में हासिल की। फिर बीएमसी में बतौर डॉक्टर काम करने लगा। बीएमसी के क्लिनिक में प्रैक्टिस शुरू की।

शादी हुई परिवार बढ़ा। सब ठीक चल रहा था कि 1987-88 में जलीस अन्सारी की मुलाक़ात पुणे में उसके गुरु आतंकी अब्दुल करीम टुंडा से हुई और तभी से उसके आतंकी होने का सफ़र शुरु हुआ। संजय कदम ने कहा, ”जलीस और टुंडा दोनों देश के ख़िलाफ़ साज़िश रचना चाहते थे देश में अशांति फैलाना चाहते थे। क्योंकि उन्हें देश के प्रति नफ़रत थी।”

टुंडा ने जलीस के पढ़े लिखे होने का फ़ायदा उठाया। जलीस ने खुद ही बम बनाने का तरीक़ा ढूंढ निकाला। जलीस ने कैमिकल, टाइमर, पाइप का इस्तेमाल कर पाइप बम बनाने में महारथ हासिल की। साल 1989 में जलीस ने सबसे पहला बन मुंबई के आज़ाद मैदान पुलिस थाने में लगाया। इस तरह जलीस ने एक साल में भोईवाडा, गांवदेवी, एसआईडी, क्राइम ब्रांच के कुछ यूनिट, नायगांव पुलिस हेड क्वार्टर जैसे पुलिस के कई महत्वपूर्ण जगहों पर बम धमाके के किए। नायगांव पुलिस क्वार्टर में एक पुलिसकर्मी के 8 साल के बच्चे की मौत भी हुई।

पुलिस के बाद जलीस ने रेलवे को अपना निशाना बनाया। जलीस चाहता था कि बम धमाकों में ज्यादा से ज़्यादा नुक़सान हो। इसीलिए उसने ट्रेन और प्लैटफ़ॉर्म पर बन रखना शुरू किया। जलीस ने कल्याण, रे रोड, चर्चगेट जैसे लगभग सभी रेलवे स्टेशन पर बम रखे जिनमें से कुछ फटे और कुछ समय पर निष्क्रिय किए गए।

संजय कदम ने बताया कि ”चर्चगेट रेलवे स्टेशन पर एक साधू ने रेडियो समझकर ट्रेन में रखा बन अपना पास रख लिया. कुछ दूर जाकर बॉम्बे अस्पताल के पास वो बम फटा।” इसके बाद जलीस ने महत्वपूर्ण लोगों पर हमला किया। मुंबई के सबसे बड़े मज़दूर नेता दत्ता सामंत के दफ़्तर पर जलीस ने बम धमाका किया जिसमें एक पुलिस अधिकारी बालासाहेब जाधव की मौत हुई।

जलीस ये समझ चुका था कि ज़्यादा नुक़सान करने के लिए बम धमाकों से अशांति फैलाना जरुर है। इसलिए जलीस ने शिवसेना के शाखाओं में बम धमाके के किए। जलीस ने 7-8 शिवसेना शाखाओं में बम धमाके किए। जलीस ने उस समय कई गुरुद्वारों में बम धमाके के किए जिसमें से प्रमुख था मुंबई के दादर का गुरुद्वारा। उस समय ख़ालिस्तान मूवमेंट ज़ोर पर था। इस तरह जलीस पांच साल में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कई बम धमाके के किए।

देशभर में पाइप बम से धमाके कौन कर रहा है इसकी जानकारी पुलिस को नहीं थी। जांच में जुटी CBI को जलीस अन्सारी के बारे में जानकारी मिली। जलीस फ़ोन पर किसी से बात करते हुए देश विरोधी बातें करते हुए सुना गया। CBI को शक हुआ। CBI मुंबई पहुंची और मुंबई क्राइम ब्रांच की मदद से जलीस अन्सारी को उसके घर से गिरफतार किया। उस समय पुलिस को उसके पास एक रिवॉल्वर मिली। शुरुवाती जांच में जलीस ने कोई जानकारी नहीं दी। लेकिन क्राइम ब्रांच डीसीपी राकेश मारिया के सामने जलीस टुट गया और उसने एक के बाद एक 52 बम धमाकों की क़बूली दी।

जलीस बम रखने के लिए अब्दुल करीम टुंडा की मदद से उत्तर प्रदेश से लड़के बुलाया करता था। जलीस इतने शातिर था कि वो वो कभी इन लड़कों के भी सामने नहीं आता। तभी उसे पकड़ने में पुलिस कई साल तक नाकाम रही। अगर जलीस फ़ोन पर बात करने की गलती नहीं करता तो शायद 1994 में भी पकड़ा नहीं जाता और ना जाने कितने और धमाके करता।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1