ISRO ने नए साल पर रचा इतिहास, लॉन्च किया XPoSat, ब्लैक होल का खोलेगा राज

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने नए साल के पहले दिन इतिहास रचते हुए सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर PSLV-C58/XPoSat को लॉन्च कर दिया. इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच साल का होगा, जिसमें अंतरिक्ष और ब्लैक होल के रहस्य का पता लगाया जाएगा.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने नए साल के पहले दिन 1 जनवरी 2024 को इतिहास रच दिया है. सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर इसरो PSLV-C58/XPoSat को लॉन्च कर दिया है. इससे अंतरिक्ष और ब्लैक होल के रहस्य का पता लगाया जा सकेगा. इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच साल का होगा.

चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नए साल के पहले दिन सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर एक्सपोसैट लॉन्च किया गया. पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल (PSLV-C58) रॉकेट अपने इस 60वें मिशन पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ के साथ 10 अन्य सैटेलाइट भी लेकर गया, जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा.

‘एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट’ (XPOSAT) एक्स-रे सोर्स के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा. इसरो के मुताबिक, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था. इसरो ने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण का अंतरिक्ष आधारित अध्ययन अंतरराष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण हो रहा है और इस संदर्भ में एक्सपोसैक्ट मिशन एक अहम भूमिका निभाएगा.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1