भारतीय खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान स्थित समूहों द्वारा एक नया तंजीम (आतंकवादी संगठन) बनाने के बारे में सतर्क किया गया है जो सुरक्षा बलों, उनके मददगारों, सरकार के करीबी मीडियाकर्मियों, घाटी में गैर-स्थानीय लोगों, कश्मीरी पंडितों, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और उद्योगपतियों पर आने वाले समय में हमलों की जिम्मेदारी का दावा करेगा. खुफिया सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI समर्थित समूहों द्वारा 200 संस्थाओं और उनके गाड़ियों को लेकर एक हिट लिस्ट तैयार की गई है. इनपुट से पता चलता है कि विभिन्न तंजीमों के प्रमुखों के साथ आईएसआई के आला अधिकारियों की बैठक सितंबर के अंतिम सप्ताह में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में हुई थी.
एक खुफिया नोट में उल्लेख किया गया है कि इस बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि यह नया अग्रणी संगठन (Frontal Organisation) न केवल भविष्य में लक्षित हत्याओं (Targeted Killings) का दावा करेगा, बल्कि संसाधनों, जनशक्ति और नेटवर्क के बुनियादी ढांचे को भी ंमजबूत करने में अपना योगदान देगा.
पिछले साल, ISI ने लश्कर के लिए द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक एक अग्रणी संगठन बनाया था, जो अब कश्मीर घाटी में अधिकांश हमलों का दावा करता है. नए अलर्ट से पता चलता है कि आतंकियों द्वारा लक्षित हत्याओं की कोशिश बर्फबारी के दौर में भी जारी रहेंगे.
खुफिया सूचनाओं की मानें, तो घाटी में RSS और BJP से जुड़े गैर-स्थानीय लोग भी आतंकियों के निशाने पर हैं. यह माना जा रहा है कि आतंकी समूह इनकी हत्याओं के लिए ऐसे लोगों का इस्तेमाल करेगी जो अब तक सुरक्षाबलों की नजर से दूर हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं के रूप में काम करते हैं क्योंकि इससे इन हत्याओं को सामान्य और पूरी तरह से स्वदेशी गतिविधि के तौर पर देखा जाएगा.
इसमें कहा गया है कि हत्याओं के लिए आवश्यक हथियार (छोटे हथियार) और विस्फोटक (हथगोले) की तस्करी नियंत्रण रेखा (LOC) के पार उरी और तंगधार सेक्टरों में की जा रही है. खुफिया अलर्ट में घाटी के अंदर और बाहर सभी पुलिस बलों और सुरक्षा इकाइयों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.