सार्वजनिक नीति प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICPPM) 2024 का उद्घाटन CIMP में हुआ

पटना, 17 जून: आज सीआईएमपी परिसर में सार्वजनिक प्रबंधन पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के सहयोग से सीआईएमपी द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य बिहार और उसके बाहर सुशासन और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना है। इस दौरान जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी और सीआईएमपी के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इसके तहत दोनों शिक्षण संस्थानों द्वारा विभिन्न विषयों पर शोध के साथ-साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शामिल हैं।

बिहार के मुख्य सचिव श्री बृजेश मेहरोत्रा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और उनके करकमलों द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।उन्होंने अपने संबोधन में बिहार के सुशासन मॉडल पर बात की और सतत विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक हितधारक को शामिल करके राज्य में सहभागी दृष्टिकोण से सतत विकास हासिल किया जा सकता है।

जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चार्ल्स हैंक्ला ने जॉर्जिया यूनिवर्सिटी, अटलांटा, अमेरिका के इंटरनेशनल सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी द्वारा किए गए सार्वजनिक नीति से संबंधित विभिन्न कार्यों के बारे में बात की। प्रोफेसर अंजलि थॉमस ने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए बिहार में स्थानीय शासन से संबंधित अपना शोध अध्ययन प्रस्तुत किया। पैनल चर्चा में श्रीमती अलंकृता पांडे, जिलाधिकारी जहानाबाद ने एकीकृत अस्पताल प्रबंधन प्रणाली (भाव्या) और स्वास्थ्य प्रणाली में एलएमएस का उपयोग करके लाए गए परिवर्तनों के बारे में विस्तार से चर्चा की। डीएम बांका श्री अंशुल कुमार ने बांका में स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों और सफलता की कहानियों पर बात की। भोजपुर जिला की महिला मुखिया ने ओडीएफ और ओएसआर से संबंधित अपनी चुनौतियों को साझा किया। बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस के डाॅक्टर सुधांशु ने चर्चा का संचालन किया।

शाम के सत्र में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के देबराज भट्टाचार्य ने बिहार में स्थानीय लोकतंत्र के लिए चुनौतियाँ विषय पर प्रस्तुति दी। फ़ेम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर युगांक गोयल ने बिहार में चुनावी प्रतिस्पर्धा और प्रतिनिधित्व पर दिलचस्प आंकड़ों के ज़रिए विस्तार से बताया।

सम्मेलन के पहले दिन कई शोधकर्ताओं, संकाय सदस्यों ने भाग लिया। इसके अलावा, कल के सत्र में गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और कृषि जैसे मुद्दों पर कई महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। सम्मेलन के कल के सत्र में बिहार में उद्यमिता पर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जहां पैनलिस्ट विभिन्न कॉरपोरेट लीडर्स होंगे। बिहार सरकार के एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ कल विशेष भाषण देंगे।

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1