गलवान घाटी पर चीन के दावे को भारत ने फिर किया खारिज

भारत ने गलवान घाटी में चीन की नापाक हरकतों के बारे में बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने गलवान घाटी पर चीन के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बारे में बढ़ाचढ़ाकर दावा कर रहा है जो भारत को बिलकुल मंजूर नहीं है।
भारत का कहना है कि मई 2020 से चीन की सेना उस इलाके में भारतीय सेना की सामान्य और परंपरागत पेट्रोलिंग में खलल डाल रही थी। मई के मध्य में चीनी पक्ष ने LAC के अतिक्रमण की कोशिश। तब उसे भारत की तरफ से मुहंतोड़ जवाब मिला।

उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी की घटनाओं के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल एक विस्तृत बयान जारी किया था। उनका कहना था कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और भारत वहां जबरन रोड बना रहा है। चीन ने 15 जून की घटना के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहराया है। इसी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा कि गलवान घाटी को लेकर ऐतिहासिक रूप से स्थिति हमेशा स्प्ष्ट रही है। अब चीनी पक्ष वहां LAC के बारे में बढ़ाचढ़ाकर अपना दावा कर रहा है जो हमें कतई मंजूर नहीं है। चीन के दावे पूर्व में उसकी खुद की पोजीशन के अनुरूप नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक भारत और चीन के सीमावर्ती इलाकों में सभी सेक्टरों में LAC की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है। उन्होंने कभी भी LAC पार करने की कोशिश नहीं की। भारतीय सैनिक लंबे समय से वहां पेट्रोलिंग कर रहे हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम भारतीय इलाके में हो रहा है।

बयान में कहा गया है कि मई के मध्य में चीन की सेना ने पश्चिमी सेक्टर में LAC पर घुसपैठ करने की कोशिश की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके बाद 6 जून को दोनों पक्षों के सीनियर कमांडरों की बैठक हुई और तनातनी खत्म करने पर सहमति बनी। लेकिन 15 जून को चीनी सैनिकों ने सीमा की मौजूदा स्थिति बदलने के लिए हिंसक कार्रवाई की। इसके बाद 17 जून को विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बात हुई। दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि इस मामले को जिम्मेदारी से सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति का पालन करेगा।

पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले कई दिनों से जारी तनातनी 15 जून की रात हिंसक झड़प में बदल गई थी। इसमें एक कर्नल समेत भारतीय सेना के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। चीन को भी इसमें भारी नुकसान हुआ और उसके 43 सैनिक हताहत हुए। लेकिन चीन ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1