LAC पर गहराया तनाव, भारत ने चीन को जवाब देने के लिए अग्रिम मोर्चे पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई

पूर्वी लद्दाख के इलाकों में LAC पर अतिक्रमण कर बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी का जवाब देने के लिए भारत ने भी अग्रिम मोर्चे पर तैनात अपने सैनिकों की संख्या में इजाफा कर दिया है। लद्दाख में LAC के सभी अग्रिम मोर्चो पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही चीन से लगी सभी सीमाओं पर सैन्य तैनाती में और इजाफा किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में LAC के कई अग्रिम मोर्चो पर चीनी अतिक्रमण की खुराफात से पैदा हुए ताजा हालात को देखते हुए सैनिकों की संख्या में इजाफा किया गया है।

गलवन घाटी में फिंगर चार से आठ के बीच तो पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, पैंगोंग त्सो लेक के निकट चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक बड़ी तादाद में LAC का अतिक्रमण कर घुस आए हैं। पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के करीब जहां 15-16 जून की रात चीनी सैनिकों को खदड़ने के खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे वहां चीनी सैनिकों ने टेंट लगाने के साथ कुछ निर्माण भी कर लिया है। दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग के इलाकों में भी LAC की मर्यादा का अतिक्रमण कर चीनी सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद बताए जा रहे हैं। इसीलिए भारतीय सेनाओं को संख्या अग्रिम मोर्चे व LAC पर और बढ़ाई गई है।

सैनिक साजो-सामान और सैन्य वाहनों का जमावाड़ा भी इसी अनुरूप में बढ़ाया जा रहा है। गलवन घाटी की घटना के बाद भी एलएसी पर चीनी सैनिकों की मोर्चेबंदी से पैदा हुए हालात का 2 दिनों तक जायजा लेकर सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाणे गुरूवार को लद्दाख से दिल्ली लौट आए। LAC पर स्थिति को देखते हुए सेना प्रमुख ने बुधवार को ही अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों को पूरी ताकत से डटे होने का हौसला भी भरा था। सेना प्रमुख पूर्वी लद्दाख समेत चीन सीमा की स्थिति को लेकर सरकार के शीर्ष नेतृत्व से भी मशविरा करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को पूर्वी लद्दाख के इलाकों में LAC का अतिक्रमण कर चीनी सैनिकों के निर्माण कार्यों को दोनों देशों के रिश्तों के लिहाज से बेहद गंभीर बता साफ संदेश दे दिया कि चीनी हरकत से सीमा पर मौजूदा तनाव की स्थिति और बिगड़ सकती है। जाहिर तौर पर चीन को आगाह करने वाली यह चेतावनी देते हुए भारत ने सीमा पर सैन्य मोर्चेबंदी की मौजूदा स्थिति का भी आकलन किया होगा। अतिक्रमण को लेकर भारत के सख्त हुए तेवर से भी जाहिर है कि चीन को उसकी चालबाजी का जवाब देने के लिए सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाना भारत की अनिवार्य जरूरत बन गई है। पहले से ही अलर्ट वायुसेना और नौसेना भी ताजा हालात के हिसाब से निरतंर अपनी रणनीति की समीक्षा कर रही हैं।

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