INDIA Alliance: इंडिया गठबंधन में अगली बैठक की डेट आई सामने, इस दिन सीट शेयरिंग और एजेंडों पर होगी चर्चा

इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा और कौन इसका संयोजक होगा इसको लेकर भी अभी आम सहमति नहीं बनी है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 7 से 8 दिन में होने वाली बैठक में इस पर भी प्रस्ताव पास किया जाएगा.

विपक्षी इंडिया गठबंधन की अगली बैठक अगले

17 दिसंबर को होनी है. इस बैठक में सीट शेयरिंग और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बात होने की संभावना है. राजेडी प्रमुख लालू यादव ने यह संकेत दिया था कि 6 दिसंबर को होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक 17 दिसंबर को आयोजित होगी. बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए क्या एजेंडा होगा इसको लेकर भी विस्तार से चर्चा होगी. बता दें कि मोदी रथ पर सवार बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए विपक्ष ने INDIA गठबंधन बनाया है. हालांकि, इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा और कौन इसका संयोजक होगा इसको लेकर भी अभी आम सहमति नहीं बनी है. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 7 से 8 दिन में होने वाली बैठक में इस पर भी प्रस्ताव पास किया जाएगा.

आम चुनाव में अब 180 दिनों से भी कम का समय बचा हुआ है. एक तरफ बीजेपी हिंदी हार्ट लैंड के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है. वहीं, दूसरी ओर इंडिया गठबंधन अभी तैयारी को लेकर बैठकें कर रहा है. ऐसे में इंडिया गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने एक नेता को चुनना है. अगर गठबंधन अपने नेता चयन करने में देरी करता है तो होने वाले आम चुनाव में इसका असर भी पड़ सकता है.

एक नेता के नाम पर सहमति नहीं होनी बनी बड़ी चुनौती

इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी चुनौती जो सामने है वह है एक नेता के नाम पर रजामंदी होना. क्योंकि राहुल गांधी के नाम पर सभी दलों में सहमति नहीं बन पा रही है. ऐसे में नीतीश कुमार के नाम को आगे किया जा सकता है. क्योंकि नीतीश कुमार एक ऐसा चेहरा है जिसपर ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे या लालू यादव भी एक साथ आ सकते हैं. हालांकि, तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार से कांग्रेस के नेता मायूस हैं. 6 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात कर राज्य चुनावों में हार की समीक्षा की थी.

हार पर कांग्रेस ने की समीक्षा

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में जिस तरह के नतीजे सामने आए, वो बेहद ही अप्रत्याशित थे. पार्टी में किसी को उम्मीद नहीं थी कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पार्टी की ऐसी स्थिति बनेगी. विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर हुई बैठक पर बात करते हुए बताया गया कि यहां खुलकर बात की गई. पार्टी का मानना है कि हार के बाद खुलकर बात करना जरूरी था, इसलिए काफी रचनात्मक बैठक हुई है.

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