बिहार के पूर्णिया मेडिकल कॉलेज से बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसे देख लोगों का स्वास्थ महकमे से भरोसा उठ गया है. बीते शनिवार को एक सड़क हादसे में घायल तीन लोग जीएमसीएच लाए गए, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि वहां जमकर बवाल हो गया है. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर भागने लगे. इसके बाद लोगों ने खदेड़ कर उन्हें पकड़ लिया.
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था शव
दअरसल मेडिकल कॉलेज में तीन मृतकों को जब पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, तब दो पोस्टमॉर्टम के बाद तीसरे की बारी आई, इससे पहले कि पोस्टमार्टम होता, वो व्यक्ति सांस ले रहा था और खून मुंह से आ रहा था. लोगों की नजर जब उस पर पड़ी तो हंगामा बरपा हो गया. लोग आनन-फानन में उसे लेकर डॉक्टर के पास भागे और वहां बवाल मच गया.
घटना की जानकारी मिलते ही कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित लोगों को समझाकर मामला को शांत करवाया गया. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि पूर्णिया के के नगर थाना क्षेत्र के झुननी पेट्रोल पंप के समीप शनिवार को दोपहर करीब 3 बजे दो बाइक की आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए.
इस भीषण सड़क दुर्घटना में बाइक सवार तीनों व्यक्ति को आनन-फानन में GMCH लाया गया, जहां तीनों को डॉक्टर ने बिना पूरी जांच के मृत घोषित कर दिया. तीनों एक ही गांव के रहनेवाले थे. मृतकों की पहचान अररिया जिले के बौसी बसैठी थाना क्षेत्र के फरकिया गांव निवासी नूर मोहम्मद के पुत्र मो. निजाम, स्व जीवछ लाल रजक के पुत्र रंजीत रजक और नाज़िर हुसैन के पुत्र मो. शाहबुद्दीन के रूप में हुई.
मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. इस दौरान एक व्यक्ति की सांसे चल रही थी, जिसे देख परिजनों को लगा कि मो नजाम जिंदा है और उसकी सांस चल रही है. इसके बाद होना क्या था. परिजनों ने हंगामा किया. शव को लोग इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. हंगामा होता देख डॉक्टर भागने लगे, जिसके बाद लोगों ने दौड़ाकर एक डॉक्टर को पकड़ लिया और इलाज करने को कहा. जांच करने के बाद डॉक्टर ने फिर मो. नजाम को मृत घोषित कर दिया. इस दौरान अफरा तफरी का माहौल बना रहा.
घटना की सूचना मिलते ही कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई. वहीं इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी तैनात डॉ गोपाल ने बताया कि तीनों को पुलिस लेकर आई थी, जिसमें से दो की मौत पहले ही हो चुकी थी एक कि हालत गंभीर थी. उसका इलाज किया गया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई.
आरजेडी ने मामले को लेकर क्या कहा?
इस घटना को लेकर आरजेडी ने अपने एक्स पर वीडियो भी पोस्ट किया है. जीएमसीएच पूर्णिया का ये वीडियो तब से सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है, जिसमें आरजेडी की पोस्ट भी शामिल है. वीडियो को साझा करते हुए, विपक्षी दल ने लिखा, “पूर्णिया के जीएमसीएच में एक जीवित मरीज को मृत घोषित कर दिया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया! हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि ट्रॉमा मैनेजमेंट से लेकर पोस्टमॉर्टम प्रक्रियाओं तक सभी क्लिनिकल प्रोटोकॉल का पालन किया गया था.
GMCH उपाधीक्षक ने बताया कि तीनों की मौत हो चुकी थी पोस्टमार्टम रूम में परिजन को लगा कि सांस चल रही है, जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया और हाथापाई भी की, जो कि बिल्कुल गलत है. पुलिस को घटना की जानकारी दे दी गई है. कानूनी कार्रवाई की जाएगी.