IMD Weather : मानसून की वापसी की प्रक्रिया भले ही शुरू हो चुकी है, लेकिन पूर्वी भारत के कई राज्यों में अभी भी मूसलाधार बारिश हो रही है. तेज बरसात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सड़क से लेकर रेलवे यार्ड तक पानी में डूब चुके है. दुर्गा पूजा का मजा किरकिरा हो गया है. मौसम वभिाग ने कई प्रभावित राज्यों के लिए ताजा पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके मुताबिक 26 सितंबर 2025 तक कोलकाता वासियों को भारी से बहुत भारी बारिश से छुटकारा मिलने वाला नहीं है. प्रकृति के प्रकोप और हालात को देखते हुए सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा की है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत की सूचना है. वहीं, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में तेज बरिश की संभावना है. इसका असर बिहार और झारखंड जैसे प्रदेशों पर भी पड़ने की संभावना है.
कोलकाता बारिश अपडेट
Kolkata Rain : कोलकाता में भारी बारिश के बाद महानगर की स्थिति गंभीर हो गई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा, ‘कम से कम 11 निर्दोष लोगों की जान करंट लगने से गई – एक ऐसी त्रासदी, जो ममता बनर्जी के लापरवाह शासन में पश्चिम बंगाल की सामान्य घटना बन चुकी है! कभी भारत का लंदन कहलाने का सपना देखने वाला कोलकाता महज़ 5 घंटे की बारिश भी नहीं झेल पाया, क्योंकि ममता बनर्जी ने शासन को मज़ाक बना कर रख दिया है! बंगाल की जनता को ममता बनर्जी की बेरुख़ी, KMC की मनमानी और CESC के एकाधिकार का खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है, जिसे उनकी कृपापूर्ण सांठगांठ से ताक़त मिली है.’ उन्होंने आगे लिखा कि जवाबदेही लेने के बजाय, ममता वही करती हैं जो हमेशा करती आई हैं – किसी और को दोष दो. इस बार निशाने पर है CESC. लेकिन सच्चाई यह है कि CESC का अहंकार और मनमानी तभी तक है, जब तक उसका CEO ममता बनर्जी के सबसे करीबी लोगों में गिना जाता है. अमित मालवीय ने लिखा कि इसके अलावा, जब वह इस आपदा और नुक़सान के लिए मूसलाधार बारिश और दूसरे राज्यों को ज़िम्मेदार ठहराती हैं, तो सवाल यह उठता है कि एशियाई विकास बैंक से मिले 4,300 करोड़ रुपये के ड्रेनेज फंड का क्या हुआ? वह पैसा कहां गया? जवाबदेही कहां है? सड़कों पर अब भी खुले तार क्यों लटक रहे हैं? करंट लगने से मौतें बार-बार क्यों हो रही हैं? यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है. यह शासन की आपदा है. और शायद यह मां दुर्गा का क्रोध भी है, उस अपमान का जिसके तहत ममता बनर्जी ने पितृ पक्ष के दौरान पूजा पंडालों का उद्घाटन कर परंपरा का उल्लंघन किया और हिजाब पहनकर ऐसा कर अपमानित किया!’
कोलकाता में रातभर हुई तेज बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया. हालात को देखते हुए पश्चिम बंगाल में स्कूलों में दुर्गा पूजा की छुट्टियां पहले ही घोषित कर दी गई हैं. मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसे ध्यान में रखते हुए 24-25 सितंबर को स्कूल और कॉलेज बंद रखने का ऐलान किया गया है. कोलकाता और दक्षिण बंगाल के कई इलाकों में मंगलवार रात हुई तेज बारिश ने लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त कर दी. सड़कों और निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे बस-टैक्सी और अन्य सार्वजनिक परिवहन लगभग ठप हो गए. जलभराव और उफान लगे नालों के कारण शहर में कई रोजमर्रा की गतिविधियां प्रभावित हुईं. स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी स्कूल और कॉलेजों में दुर्गा पूजा की छुट्टियों की तारीख पहले से घोषित कर दी है. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने द्वीट किया, ‘राज्य में अभूतपूर्व आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है. मौजूदा स्थिति में हमारे छात्रों को राहत देने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री की सलाह को ध्यान में रखते हुए, कल और परसों यानी 24 और 25 सितंबर 2025 को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है.’
IMD ने बताई मूसलाधार बरिश की वजह
कोलकाता के कुछ हिस्सों में कुछ ही घंटों में 330 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, जबकि शहर और उसके उपनगरों के ज्यादातर हिस्सों में औसतन 250 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई. मंगलवार को कोलकाता में भारी मूसलाधार बारिश के कारण हवाई यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई, जिसके कारण कम से कम 30 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई अन्य में काफी देरी हुई. आईएमडी ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में और भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि बुधवार तक दक्षिण बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, झारग्राम और बांकुड़ा जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. 25 सितंबर के आसपास पूर्व-मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक और नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
रेलवे यार्ड में घुसा पानी
मूसलाधार बारिश के कारण हावड़ा यार्ड और सियालदह यार्ड जैसे विभिन्न यार्डों में जलजमाव हो गया है. इसका असर ट्रेन सेवाओं पर पड़ा है. ईस्टर्न रेलवे के CPRO दिप्तीमॉय दत्ता ने बताया कि हमलोग सामान्य सेवाओं को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कई स्थानों पर पंप तैनात कर रहे हैं, लेकिन निचले इलाकों से सटे होने के कारण पानी वापस बह रहा है. हावड़ा डिविजन में उपनगरीय ट्रेनों को बहुत कम रद्द किया गया है. उन्होंने बताया कि केवल 22 स्थानीय ट्रेनों को रद्द किया गया है. सियालदह डिवीजन में उत्तर और मेनलाइन खंड में सामान्य ट्रेन सेवाएं भी फिर से शुरू कर दी गई हैं. केवल सियालदह और बालीगंज के बीच सियालदह-दक्षिण खंड में ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू नहीं हुई हैं. बालीगंज से आगे सेवाएं चल रही हैं. सर्कुलर रेलवे खंड में चूंकि जलजमाव अधिक गंभीर है, इसलिए सर्कुलर रेलवे सेवाएं फिलहाल नहीं चल रही हैं.