शिवसेना सांसद संजय राउत (Shivsena MP Sanjay Raut) ने सोमवार को दावा किया कि पार्टी के कुछ नेताओं को उन्होंने आगाह किया था कि मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaze) महाराष्ट्र सरकार के लिये समस्या पैदा कर सकते हैं। वाजे अभी एनआईए (NIA) की हिरासत में है। राउत ने यह भी कहा कि सचिन वाजे प्रकरण ने प्रदेश में शिवसेना नीत गठबंधन सरकार को एक अच्छा सबक सिखाया है। महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास आघाडी सरकार में राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं।
मुंबई के एक पॉश इलाके में 25 फरवरी को एक संदिग्ध वाहन खड़ा पाया गया था। उसमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी। इस मामले में कथित भूमिका को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस महीने के शुरू में वाजे को गिरफ्तार किया था। इससे पहले भी 2004 में घाटकोपर बम धमाकों के आरोपी ख्वाजा युनुस की हिरासत में हुई मौत के मामले में वाजे को निलंबित किया गया था और पिछले साल उन्हें फिर से पुलिस बल में शामिल किया गया था।
राउत ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘‘जब सचिन वाजे को महाराष्ट्र पुलिस बल में बहाल करने की योजना बनायी जा रही थी तो मैंने कुछ नेताओं को सूचित किया था कि वह हमारे लिये समस्या पैदा कर सकते हैं। उनका व्यवहार और काम करने का तरीका सरकार के लिये कठिनाईं पैदा कर सकता है।’’
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वह उन नेताओं के नाम का खुलासा नहीं कर सकते हैं लेकिन ‘‘मेरी उनके साथ हुई बातचीत के बारे में वे सब बखूबी वाकिफ’’ हैं। राउत ने कहा कि वह कुछ दशक से पत्रकार हैं और इसलिये वाजे के बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति बुरा नहीं होता है, बल्कि कभी कभी परिस्थितियां उसे ऐसा बना देती है।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वाजे की गतिविधियों एवं विवाद सहित पूरे प्रकरण से प्रदेश की गठबंधन सरकार को सबक सीखने को मिला है। एक तरह से यह अच्छा हुआ कि घटना हुई और हमने सबक सीखा।’’
निलंबित पुलिस अधिकारी का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा समर्थन किये जाने के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि वाजे तथा उनकी गतिविधियों के बारे में उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं थी।
शनिवार को अहमदाबाद में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात के बाद जारी राजनैतिक अटकलों के बारे में उन्होंने कहा कि गुजरात के इस शहर में विभिन्न नेताओं के साथ मुलाकात के लिये शाह जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पवार और शाह के बीच मुलाकात होती है तो इसमें कोई बहुत बड़ी बात नहीं है।
शिवसेना नेता ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार पर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के परिणाम को असर नहीं पड़ेगा।