GST 2.0: बिहार में लगभग दो महीने बाद चुनाव होने हैं, ऐसे में केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार प्रदेश की जनता पर दिल खोल कर महरबान है. राज्य सरकार की ओर से आए दि हो रहे नए-नए ऐलान ने तो एनडीए का ग्राफ बढ़ा ही दिया है, अब केंद्र सरकार का ये जीएसटी सुधार निश्चित रूप से चुनाव में एनडीए सरकार को कहीं ना कही बड़ा फायदा पहुंचाने के लिए काफी है, हालांकि विपक्ष का ये साफ कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं है.
आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद
नई जीएसटी दरों से दवाइयों, हवाई यात्रा, परिवहन और शिक्षण सामग्री समेत लगभग 375 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी. इन घटी हुई दरों से आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है. 28% और 12% के टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया गया है, और ज्यादातर वस्तुएं अब 5% और 18% के टैक्स स्लैब में आ गई हैं. हालांकि विलासिता की वस्तुओं पर 40% टैक्स लागू रहेगा. सरकार इसे “बचत उत्सव” कह रही है, तो विपक्ष इसे बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर “चुनावी चाल” बता रहा है.
क्या बोले एनडीए के घटक दलो के नेता?
एनडीए के घटक दलों ने सरकार के इस फैसले की काफी प्रशंसा की है, क्योंकि इससे मंहगी हो रही कई वस्तुओं के दाम में कमी आएगी और जनता के सामने अच्छा मैसेज जाएगा. एलजेपी(रामविलास) सांसद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस निर्णय के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है और कहा कि “जो इतने साल से मांग चल रही थी कि GST रेट में सुधार किया जाए. उन्होंने इस मांग को स्वीकार किया. इस सुधार से लोगों को काफी राहत मिली है.”
वहीं के वरिष्ठ नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि “नई जीएसटी दरों से आम जनता को बहुत राहत मिलेगी. इसमें 2 दरें रखी गई हैं. यह दिवाली और नवरात्रि का तोहफा है.” बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने नई GST दरों के लागू होने पर कहा, “200 से अधिक जनता के उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी. पूरे देश में जीवनयापन की हर चीज सस्ती हो जाएगी. मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास की चिंता करती है.”
व्यापारियों, विशेषज्ञों ने माना होगा फायदा
इस सुधार को लेकर बिहार के व्यापारियों ने भी खुशी जताई है. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष आशीष शंकर कहना है कि व्यावसायिक लागत कम होगी और ग्राहकों को राहत मिलेगी. खासकर मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. इससे बिहार की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. सरकार का यह कदम बिहार में व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अहम है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से शहरी लोगों का एनडीए सरकार पर भरोसा बढ़ेगा. गरीब और मध्यम वर्ग को सीधी राहत मिलने से भी सरकार के प्रति सकारात्मक सोच बढ़ेगी. इससे विपक्ष का महंगाई का मुद्दा कमजोर होगा. चुनावी साल में विपक्ष के हाथों से एक बड़ा मुद्दा छिनता हुआ नजर आ रहा है. भले ही ये सुधार पूरे देश के लिए है लेकिन, चुमावी साल में इसका इसका सीधा फायदा बिहार में एनडीए सरकार को होगा.
क्या बोले आरजेजी प्रवता मृत्युंजय तिवारी?
वहीं आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी लगा कर जनता पर बोझ बढ़ा किया और अब कम करके क्रेडिट लेना चाह रही है. ये सब आई वाश है और सिर्फ जनता को गुमराह किया जा रहा है. चुनाव को देखते हुए ये किया गया है, अभी भी कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लग रहा है.